नगर निगम सदन में उठा अतिक्रमण-लचर ट्रैफ़िक का मुद्दा
उठी मांग जमीनों से अवैध कब्जे हटाकर की जाए बाउंड्री
- संचारी रोगों की रोकथाम के प्रत्येक वार्ड में मिलेंगे पांच कर्मचारी
- कार्यदायी संस्था को स्वीपिंग का कार्य देने का पार्षदों ने किया विरोध
लखनऊ। राजधानी के नगर निगम मुख्यालय में शुक्रवार को वर्ष 202 -25 की व्यवस्थाओं को लेकर सदन में पहली बैठक त्रिलोकी नाथ हाल में शुरू हुई और सदन की बैठक की शुरूआत में ही विपक्षी दल के पार्षदों ने सफाई व्यवस्था के ध्वस्त होने को लेकर जमकर हंगमा काटा। इस दौरान कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कार्यों में की जा रही लापरवाही को लेकर संस्था को आगे काम न देने की मांग की गई।
शुक्रवार सुबह 11 बजे सदन की अध्यक्ष महापौर सुषमा खर्कवाल ,नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में सदन की बैठक शुरू हुई। जिसमें समस्त वार्डों के पार्षद और जोनल अफसर मौजूद रहे। सदन की बैठक में सफाई व्यवस्था को लेकर सभी पार्षदों ने यह विरोध करते हुए कहा कि कार्यदायी संस्थाएं जमीनी स्तर पर सुचारू रूप से काम नहीं करती हैं जिसको लेकर नगर निगम द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। सड़कों पर अवैध अतिक्रमण पर नगर निगम कोई खास कार्रवाई नहीं करता है। कहना था कि पहले पुराने सदन के मुद्दे की पुष्टि होनी चाहिए जो मुद्दे चर्चाओं में आये थे। उन पर क्या कार्रवाई हुई इस पर बात होती है उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाए। हंगामे के बाद मेयर ने मांगो को स्वीकार कर लिया।
छह बार के पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने इस दौरान पार्षदों के लिए अलग से बजट और नगर निगम की बिल्डिंग में पार्षद निधि की राशि को न लगाने की मांग की। इस दौरान अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस की पार्षद ममता चौधरी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के लोग उन्हें बोलने नहीं दे रहे है। भाजपा के पुरुष पार्षद अभद्रता कर रहे हैं। वही समाजवादी पार्टी की महिला पार्षद ने कहा कि अमीनाबाद और गुरु नानक मार्केट में अतिक्रमण और वहां अलॉटमेंट हुई दुकानों के मुद्दा भी उठाया गया। जिन आवंटियों को दुकानें दी जाती है। उनकी जगह पर कोई और वहां दुकान चला रहा है।सारे बाजारों की स्थिति यही है।
...जब मेयर व नगर आयुक्त निकल गये बाहर!
भाजपा पार्षंद रघुनाथ शुक्ला ने रेमकी कंपनी का जैसे ही मुद्दा उठाया उन्हे रणजीत सिंह ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। रघुनाथ शुक्ला के समर्थन में मुन्ना मिश्रा राजेश सिंह गब्बर नागेंद्र सिंह चौहान, पृथ्वी गुता समेत तमाम पार्षद खड़े हो गए आपस में ही नारेबाजी करने लगे हंगामा इतना बढ़ गया कि मेयर नगर आयुक्त सदन को छोड़कर बाहर चले गये।
सदन की दोबारा शुरू हुई बैठक में महापौर ने पार्षदों की समस्याओं को सुनकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह और समस्त अपर नगर आयुक्तों को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्थाओं के कार्यो की लगातार मॉनिटरिंग करें और अतिक्रमण पर कहा कि सड़कों पर खड़े वाहनों की व्यवस्थाओ को लेकर योजना बनाये। अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण के बाद कब्जा मुक्त जमीनों पर बाऊंड्रीवाल करवाई जाए। समस्त जोनल क्षेत्रों मेंजाकर अधिकतम कर वसूली पर ध्यान दें।
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