पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन नमो भारत देश के लिये वरदान
एनसीआर में काम और व्यापार करना हुआ आसान
गाजियाबाद। नमो देश की इस पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ने दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ व आसपास के लोगों के लिए यात्रा को काफी आसान, तेज़, सुगम और सुविधाजनक बना दिया है। दिल्ली, गाज़ियाबाद, मोदिनगर, मेरठ के बीच नौकरी के लिए आने-जाने वालों को इस ट्रेन ने बड़ी सहूलियत दी है। पहले जिस यात्रा में घंटों का समय लगता था, नमो भारत की तीव्र गति की यात्रा से अब वह घटकर सिर्फ मिनटों की रह गई है। इतना ही नहीं, अब नौकरी के लिए घर परिवार से दूर रहने के बजाए लोग अपने मूल शहर में रहते हुए दिल्ली, गाज़ियाबाद, मुरदनगर, मोदिनगर, मेरठ जैसे शहरों में नौकरी करने की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं। वर्तमान में, दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 55किलोमीटर के सेक्शन में 11 स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेन दौड़ रही है।
एनसीआर्टसी कामकाजी लोगों, महिलाओं, बुजुर्गों और छात्रों को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम परिचालन गति से दौड़ने वाली नमो भारत से विशेष लाभ मिल रहा है। जो लोग नौकरी, व्यापार, पर्यटन आदि के लिए दिल्ली, गाज़ियाबाद, मोदी नगर, मेरठ के बीच सफर करते हैं, उन्हें अब काफी सुविधा हो गई है।
दिल्ली की रहने वालीं डॉक्टर नेहा ने नमो भारत और उससे मिलनी वाली सुविधाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं अक्सर मेरठ और मुजफ्फरनगर आती-जाती हूँ। नमो भारत के चलने से पहले मैं दिल्ली से निजी कार या कैब-टैक्सी लेकर ये यात्रा करती थी। रोड पर काफी जाम लगता था, दिल्ली से मेरठ आने में कई बार तीन-तीन घंटे लग जाते थे। काफी समय व्यर्थ होता था लेकिन नमो भारतटाइम- सेवर है, करीब आधे घंटे में मैं दिल्ली से मेरठ आ जाती हूँ मैं एक डॉक्टर हूं और ये जो समय बचता है, इसे मैं अपने मरीजों को दे पा रही हूं। बहुत अच्छी सुरक्षित और तीव्र सुविधा है। ट्रेन में अलग से महिला कोच भी है।’’
डॉक्टर नेहा के साथ-साथ हज़ारों नौकरीपेशा लोग भी अब अपने शहर से नौकरी के लिए रोजाना दिल्ली आ-जा पा रहे हैं। दिल्ली में सरकारी कर्मचारी के तौर पर कार्यरत एक यात्री ने बताया कि वह रोजाना मुरादनगर से दिल्ली के आनंद विहार तक का सफर करते हैं। उन्होंने कहा, “जब नमो भारत ट्रेन नहीं थी, तो रोजाना दिल्ली नौकरी पर आना-जाना संभव नहीं था। दिल्ली में ही किराए पर कमरा लेकर रहना पड़ता था। अभी रोज घर पहुंच पाते हैं, काफी आराम है। हर 15 मिनट में ट्रेन उपलब्ध हैं। जो समय बचता है, उसे घर पर परिवार या बच्चों को देते हैं।“
चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहीं एक महिला यात्री ने बताया कि वह नमो भारत के कारण काफी समय तो बचा ही रही हैं, साथ ही सुरक्षित और तीव्र सफर का आनंद ले रही हैं। उन्होंने कहा, “पहले बसों में यात्रा करनी पड़ती थी। सुरक्षा के लिहाज से भी ठीक नहीं लगता था और जाम आदि की समस्या से भी जूझना पड़ता था लेकिन नमो भारत ने इन सभी परेशानियों को दूर कर दिया है। तीन घंटे लगते थे सफर में, घर से 7 बजे भी निकलना पड़ता था अब 9बजे निकलती हूं और काम पर समय से पहुंचती हूं।“
मेरठ की एक सरकारी स्कूल शिक्षिका ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब भी कोई प्रशिक्षण या कार्यशाला होती थी तो मैं रात-भर सो नहीं पाती थी क्योंकि वे इसे गाजियाबाद या ऐसे ही इलाकों में आयोजित करते थे। समय भी सुबह 8.30 या 9 बजे का होता था। बसों में यात्रा करके मेरठ से इतनी जल्दी दूसरे शहर पहुंचना बहुत मुश्किल होता था। एक तो बसें कभी भी समय पर नहीं मिलती थीं, भीड़ भी बहुत ज्यादा होती थी और सीटों के बारे में तो क्या ही कहना। नमो भारत के लिए मैं सरकार का दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ। यह सुरक्षित है, समय बचाती है और आरक्षित महिला कोच होने के कारण सीट की कभी कमी नहीं होती।“
मुरादनगर के रहने वाले फारुक कुरैशी साहिबाबाद फल मंडी में आढ़ती हैं। वह पहले निजी कार से मुरादनगर से साहिबाबाद आते-जाते थे, लेकिन रोजाना जाम में फंसने की परेशानी से जूझते थे और तो और 500 रुपये तक का खर्च आता था। अब नमो भारत के चलने से वह जाम आदि जैसी परेशानियों से बचते हुए एसी में बैठकर साहिबाबाद पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, आने-जाने में उनका खर्च महज 120 रुपये ही होता है। उन्होंने नमो भारत के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, “हमारी सरकार ने ये सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी बधाई देता हूँ। लोगों को इतनी अच्छी सुविधा दी है। “
मेरठ के अशोक राणा ने बताया कि नमो भारत ट्रेन के चलने से वह अपने समय का सही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। जो समय पहले आनंद विहार तक पहुंचने में ही खराब हो जाता था, वह इसे नमो भारत के ज़रिए बचा रहे हैं। वह सफर के दौरान अपना काम भी कर लेते हैं। उन्होंने कहा, “अब ट्रैफिक जाम में नहीं फंसना पड़ता, बस का इंतजार नहीं करना पड़ता। आप नमो भारत में बैठो और आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच जाओ। मुझे बेसब्री से इंतजार है कि जल्दी ही मैं मोदीपुरम तक की यात्रा कर सकूंगा।“
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