हरदोई में अहिल्याबाई होल्कर जन्मतिथि शताब्दी पर जिला पंचायत सम्मेलन का आयोजन
शिव की अनन्य भक्त अहिल्याबाई का था लाेक कल्याणकारी आदर्श शासन : असीम अरुण
हरदोई । पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जन्मतिथि शताब्दी पर रसखान प्रेक्षागृह में जिला पंचायत सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि समाज कल्याण विभाग मंत्री असीम अरुण ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर जी का जीवन शौर्य, साधना, सेवा, समर्पण, संयम और सादगी की मिसाल था और भाजपा ऐसे दिव्य विभूतियों के आदर्शों और आचरणों को आत्मसात कर निरंतर जनकल्याण के मार्ग पर अग्रसित है। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री सत्येंद्र सिंह राजपूत ने किया।
पंचायत सम्मेलन में पहुंच गांव पुरवों से आई जनता को संबोधित करते हुए मंत्री असीम अरुण ने कहा कि अहिल्याबाई जिस परिवेश से आई थी, उस कालखंड में अपना कद इतना बड़ा बना लेना कोई सामान्य बात नहीं थी। अंग्रेजों के फैलते साम्राज्यवाद और बांटों - राज करो की नीति के आगे बड़े-बड़े राजा धराशाई हो गए, उस कालखंड में समाज के आखिरी पायदान की एक सामान्य घर की बिटिया के संस्कारों से सम्मोहित हो मालवा के राजा ने अपनी पुत्रवधू काे शाशक बनाया।
कहा कि अहिल्याबाई की अद्वितीय शासन कला सामाजिक न्याय, सास्कृतिक राष्ट्रवाद और धार्मिक आस्था ने एक ऐसा मार्ग प्रशस्त किया जो हम सभी के लिए आज भी प्रेरणादायी है। आज राजमाता अहिल्याबाई की जयंती के 300 वर्ष के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए हमें यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ है कि हम उनके महान व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए उनसे प्रेरणा लें।
राजमाता अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासनकाल में मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र को एक नई दिशा दिखाई। उनकी न्यायप्रियता प्रशासनिक क्षमता और धार्मिक सहिष्णुता ने उन्हें एक आदर्श शासक बनाया। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने राज्य की बागडोर संभाली और मालवा क्षेत्र को समृद्धि और सुरक्षा प्रदान की।
कहा कि राजमाता अहिल्याबाई को लोकमाता और पुण्यश्लोका के रूप में ख्याति प्राप्त है। शिव की अनन्य भक्त अहिल्याबाई का लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, भीलों जैसे जनजातीय समूहों तथा विधवाओं के हितों की रक्षा करने वाला एक आदर्श शात्तन था। समाज सुधार, कृषि सुधार जल प्रबंधन, पर्यावरण रक्षा, जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ उनका शासन न्याय प्रेमी था। समाज के सभी वर्गों का सम्मान, सुरक्षा, प्रगति के अवसर देने वाली समरसता की दृष्टि उनके प्रशासन का आधार थी। इन्हीं लोक कल्याणकारी कार्यों के कारण उन्हें लोकमाता कहा गया।
कहा कि संपूर्ण देश के मंदिरों की पूजा व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से लेकर पूर्व पुरी तक आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त मंदिरों का उन्होंने पुनर्निर्माण कराया। प्राचीन काल से चलती आई और आक्रमण काल में खंडित हुई तीर्थ यात्राओं में उनके प्रयासों से नवीन चेतना आई। इन वृहद कार्यों के कारण ही उन्हें पुण्यश्लोका की उपाधि मिली। संपूर्ण भारतवर्ष में फैले हुए इन पवित्र स्थानों का विकास वास्तव में उनकी राष्ट्रीय दृष्टि का परिचायक है।
कहा कि एक प्रभावशाली शासक होने के साथ-साथ वह एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थीं। उनका विश्वास अनावश्यक युद्ध में कभी नहीं रहा लेकिन उनके राज्य पर कुदृष्टि रखने वालों से निपटने में वह पूर्ण रूप से सक्षम थी। शैक्षिक एवं आर्थिक मामलों में भी वह एक दूर दृष्टि रखने वाली निर्णयक्षमता संपन्न महिला थीं। उन्होंने व्यापार को बढ़ावा दिया। नए उद्योगों, खेती और व्यापार के लिए विशेष प्रयास किया। विश्व प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ियां उनके ही प्रयासों का प्रतिफल हैं।
कहा कि देश की महान विभूतियों के प्रशस्त मार्ग पर बढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी देश के संपूर्ण विकास और कल्याण के प्रति समर्पित है।
जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को सिर्फ महिलाओं तक रखना उचित नहीं होगा। अहिल्याबाई जी के विराट व्यक्तित्व ने महिला और पुरुष की बंदिशों को तोड़ एक वृहद आयाम स्थापित किया। अहिल्याबाई सर्वसमाज की प्रेरणाश्रोत है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती, नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष पीके वर्मा, जिला उपाध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री, कर्मवीर सिंह संदीप सिंह प्रीतेश दीक्षित, श्रवण कनौजिया, विनोद राठौर, जिला महामंत्री अनुराग मिश्र ओम वर्मा, पू उपाध्यक्ष आज़ाद भदौरिया, जिला मंत्री अविनाश पांडे,अजय, नीतू चंद्रा, जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक प्रचार मंत्री संदीप अवस्थी, कार्यालय मंत्री अतुल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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