प्लास्टिक प्रदूषण से बढ़ रहा जलवायु परिवर्तन का संकट - राधेश्याम चौधरी
पर्यावरण माह पर पौधरोपण व पौध वितरण
बस्ती - दुनियाभर में 5 जून का दिन विशेष महत्व रखता है। प्रतिवर्ष 5 जून को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। विश्व भर में सभी देश पर्यावरण को लेकर अपने नागरिकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। यह बातें विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली व युवा विकास समिति बस्ती द्वारा आयोजित पर्यावरण जागरूकता माह के अंतर्गत सदर ब्लाक के मिश्रौलिया गाँव में पौध रोपण व पौध वितरण के मौके पर विख्यात मनोविज्ञानी व समाजसेवी राधेश्याम चौधरी नें कही।
उन्होंने कहा कि इस बार "द रिपब्लिक ऑफ कोरिया" को विश्व पर्यावरण दिवस के लिए वैश्विक अवलोकन की मेजबानी प्रदान की गई है। कोरिया को दूसरी बार इसकी मेजबानी प्रदान की गई है, इससे पहले इसे 1997 में मेजबानी प्रदान की गई थी। प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण को एक विशेष थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार की थीम Beat Plastic Pollution (प्लास्टिक प्रदूषण को मात दें) तय की गई है।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी को घातक प्रभावों जलवायु परिवर्तन का संकट, प्रकृति, भूमि और जैव विविधता का नुकसान, तथा प्रदूषण और कचरे का संकट जैसे प्रभावों को बढ़ावा देता है।
अनुराग श्रीवास्तव नें कहा कि वैश्विक स्तर पर अनुमान है कि हर साल 11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में रिसता है, जबकि कृषि उत्पादों में प्लास्टिक के उपयोग के कारण सीवेज और लैंडफिल से मिट्टी में माइक्रोप्लास्टिक जमा हो जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण की वार्षिक सामाजिक और पर्यावरणीय लागत 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस ऐसे समय मनाया जा रहा है जब देश समुद्री पर्यावरण सहित प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक संधि हासिल करने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं।
इस मौके पर उपस्थित लोगों में आम अमरुद के फलदार पौधे वितरित किये गए | कार्यक्रम में बृहस्पति कुमार पाण्डेय, माधुरी, हर्ष देव पाण्डेय, तूलिका, अदम्य सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।
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