प्रदेश में बिजली कंपनियों की हालत खस्ता हाल : अवधेश 

विभाग में करोड़ों का घाटा फिर भी रिटायर अभियंताओं को भरने की साजिश :  अवधेश कुमार

प्रदेश में बिजली कंपनियों की हालत खस्ता हाल : अवधेश 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की हालत सबसे ज्यादा खस्ता हाल है। घाटा एक लाख करोड़ से ज्यादा फिर भी उच्च प्रबंधन में रिटायर अभियंताओं को भरने साजिश की जा रही। इससे पावर सेक्टर तबाह होगा। ये मांग रविवार को उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।

परिषद ने बिजली कंपनियों में पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के आधार पर प्रदेश सरकार द्वारा निर्देशकों के चयन के लिए निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 साल निर्धारित की है, जो पहले 62 वर्ष अथवा 3 वर्ष थी । सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के खिलाफ है देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हाल और बिगड़ती दशा को देखते हुए वर्ष 2023 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 27 अप्रैल 2023 को देश के सभी राज्यों के लिए एक रिवाइज गाइडलाइन कॉरपोरेट गवर्नेंस आफ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी जारी की गई थी। 
 
जिसमें बिजली कंपनियां में सुधार के लिए भारत सरकार लेवल पर बड़े अध्ययन के बाद उपभोक्ता सेवा में सुधार बिजली दर की फाइलिंग वित्तीय पैरामीटर लाइन हानियां में कमी सहित अन्य पैरामीटर और मैनेजमेंट में सुधार के लिए एक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए गए थे।जिसमें इसको समय बद्ध तरीके से लागू किया जाए। 
 
तो वहीं सरकार की गाइड लाइन में कहा गया था कि जो डिस्काम होंगे उनमें 8 से 12 डायरेक्टर होंगे और उनकी नियुक्त हेतु अधिकतम आयु सीमा 58 साल से ज्यादा नहीं होगी और उनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा यानी 60 वर्ष की सेवा के बाद वह रिटायर हो जाएगा । बावजूद सरकार की गाइडलाइन के विपरीत पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर एक नई गाइडलाइन उत्तर प्रदेश में जारी की गई है जबकि सबको पता है कि प्रदेश में बिजली कंपनियां का घाटा लगभग 1 लाख करोड से ज्यादा है जो देश के सभी राज्यों के लिए अध्ययन का विषय बना हुआ है।
 
 उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा आए दिन पावर कॉरपोरेशन और बिजली कंपनियों के निदेशक मंडल सहित उच्च पदों पर बैठे प्रबंधन द्वारा लगातार नियमों के विपरीत निर्णय लिए जाते हैं उनको नियमों का ज्ञान नहीं होता जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ता है जब भारत सरकार निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 58 वर्ष करने की बात कर रही है तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां 65 वर्ष तक अधिकतम आयु सीमा निर्धारित कर दी गई। देश के किसी भी राज्य में यह व्यवस्था बिजली जिसकामों में नहीं लागू है । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद में कहां बिजली कंपनियों की खस्ता हालत घाटे और गलत निर्णय की वजह से जो आए दिन एक हास्यपद स्थिति बनी रहती है उपभोक्ता परिषद प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करता है कि तत्काल सरकार एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति बनाय और सभी निर्णय सहित सभी ऑर्डरों की जांच कराए और उसके लिए जो भी उच्च अधिकारी दोषी हो तत्काल उन्हें बर्खास्त किया जाए।
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