महाकुम्भ में फैसला: राहुल गांधी हिन्दू धर्म से बहिष्कृत
By Tarunmitra
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महाकुम्भनगर, 10 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर हिन्दू धर्म को लेकर दिए गए अपने बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हिंदू धर्म व उसकी परEपराओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की हो। पिछले वर्षों में उनके हिंदू विरोधी बयानों की एक लEबी फेहरिस्त बन चुकी है जिससे बार—बार हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। इसके पीछे उनकी क्या मंशा है ये तो पता नहीं, लेकिन अब उन पर हिंदू धर्म से बहिष्कार की तलवार लटक रही है।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 12 स्थित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में चल रही परम् धर्म संसद में दो बड़े प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें परम् धर्म संसद ने राहुल गांधी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हिन्दू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित किया है। यदि राहुल गांधी ने मनुस्मृति पर दिए गए अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो उन्हें हिंदू धर्म से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस पर राहुल गांधी को 30 दिनों के भीतर अपना रुख स्पष्ट करना होगा।
सनातन संस्कृति पर अनर्गल प्रहार अब असहनीय
धर्म संसद ने कहा कि सनातन धर्म पर अनर्गल प्रहार अब असहनीय हो चुका है और इसे राजनीतिक एजेंडे के तहत बदनाम करने की कोशिशों का सख्ती से प्रतिकार किया जाएगा। धर्म संसद ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी जैसे राजनीतिक नेता हिंदू ग्रंथों और परंपराओं को निशाना बनाकर वैचारिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अब सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए कठोर निर्णय लेने का समय आ गया है।
सनातन संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास
धर्म संसद में बताया गया कि विकसित देशों में सनातन धर्म की स्वीकृति तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में बड़ी संख्या में लोग हिंदू धर्म को स्वीकार कर रहे हैं। इसके विपरीत भारतीय राजनीति में कुछ लोग सनातन संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में राहुल गांधी कथित तौर पर यह कहते दिख रहे हैं कि मनुस्मृति बलात्कारियों को संरक्षण देती है। इस बयान से भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बसे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
परम् धर्मसंसद् ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय हिंदुओं को हिरासत में लेकर जबरन गोमांस परोसने की कड़ी निंदा की है। धर्म संसद ने अमेरिकी प्रशासन की हिंदू विरोधी नीतियों की भी कड़ी आलोचना की। कहा गया कि अमेरिका में हिंदुओं की आस्था के विरुद्ध निषिद्ध भोजन परोसने की घटनाएं हिंदू धर्म का अपमान है। इस पर वैश्विक स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र ले संज्ञान, अमेरिका मांगे माफी
परम् धर्म संसद की मांग है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को इस कृत्य के लिए हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए। भारत सरकार को अमेरिका के खिलाफ आधिकारिक विरोध दर्ज कराना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन के इस मामले की जांच करनी चाहिए।
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