सेना के शौर्य व मन्दिर में आस्था का राजनीतिकरण मोदी सरकार का अक्षम्य अपराध- प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने जी सेवेन शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रण न मिलने को लेकर खराब विदेशनीति को लिया आड़े हाथ
लालगंज, प्रतापगढ़।राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सेना के शौर्य तथा मंदिर निर्माण में आस्था के नाम पर बीजेपी पर राजनीतिकरण किये जाने की कडी आलोचना की है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने जी सेवेन शिखर सम्मेलन में परम्परागत रूप से इस बार कनाडा के द्वारा भारत को आमंत्रित न किये जाने को भी देश के लिए अपमान का कडवा घूंट कहा है। उन्होनें कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाचक्र पर जबाबदेही की जगह सेना के शौर्य व पराक्रम को अपनी राजनैतिक वाहवाही में भुनाने में लगी हुई है। उन्होने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार व उप मंदिरों की सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के द्वारा कार्यक्रम में आम श्रद्धालुओं के न आने का आहवान भगवान श्रीराम के नाम पर भाजपा की राजनीति का भाण्डाफोड कर गया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा करोड़ों रामभक्तों की आस्था का पर्व है। उन्होनें कहा कि यह बयानबाजी सीधे तौर पर ट्रस्ट के द्वारा सनातन आस्था पर तीखा आघात पहुंचाया है। उन्होनें कहा कि बाइस जनवरी को आधे अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लोक सभा चुनाव को देखते हुए देश के धर्माचार्यो की जगह प्रधानमंत्री मोदी को केन्द्रित किया गया था। उन्होने कहा कि अब तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में आम श्रद्धालुओं को श्रीरामलला के दर्शन को लेकर मौसम अनुकूल न होने की कपोलकल्पित बहानेबाजी के साथ इसमें शामिल न होने के इस आहवान में भाजपा का सनातन धर्म के प्रति खुला अपमान प्रदर्शित हुआ है। उन्होनें कहा कि भाजपा को भगवान श्रीराम की मर्यादा बचाये रखनी चाहिए और मंदिर के राजनीतिकरण से प्रभु श्रीराम को अलग रखना चाहिए। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष के द्वारा पहलगाम की घटित महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाचक्र को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग सर्वथा जायज है। उन्होनें कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का टेªड के नाम पर सीजफायर में मध्यस्थता का बार बार दावा और विदेश की धरती पर सीडीएस अनिल चौहान का बयान मोदी सरकार की संसद के जरिए देश के प्रति जबाबदेही तय कर गयी है। उन्होने कहा कि राहुल गांधी की टंªप की मध्यस्थता को लेकर ताजा प्रतिक्रिया देश के प्रति विपक्ष के नेता की संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा अथवा मोदी सरकार को इस पर तिलमिलाहट की जगह संसद के प्रति उत्तरदायित्व के संवैधानिक धर्म का निर्वहन करना चाहिए। उन्होने कहा कि टंªप के दावे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी आखिर अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा साबित करने का साहस क्यों नहीं दिखला रहे हैं। उन्होने कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव में भारतीय सेना के शौर्य व आपरेशन सिन्दूर से देश का कण कण गौरवान्वित है। उन्होने पीएम पर तंज कसा कि सेना के शौर्य को लेकर सेना की वर्दी में उनके पोस्टर शौर्य व पराक्रम के राजनीतिकरण की दुखद पराकाष्ठा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने जी सेवेन सम्मेलन में भारत के परम्परागत आमंत्रण न होने को सीधे तौर पर मोदी सरकार की खराब विदेश नीति पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होने कहा कि विश्वगुरू अलग थलग पड़ गये हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते इस समय भारत का कोई भी देश मित्रवत नहीं रह गया है। उन्होने कहा कि देश की महान सेना दुश्मन को डटकर माकूल जबाब दे रही थी। उन्होनें कहा कि इसके बावजूद सेना के भरपूर पराक्रम के स्वर्णिम अवसर पर भी दुनिया का कोई भी देश खुलकर भारत के साथ खड़ा हुआ नही दिखा। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश बडा है और मोदी सरकार की अपरिपक्व नीतियों के कारण जी सेवेन शिखर सम्मेलन में आमंत्रण न मिलने से देश अपमान का कडवा घूंट पीने को विवश हुआ है। उन्होने कहा कि देश को यह अधिकार है कि जब सीडीएस अनिल चौहान ने यह मान ही लिया है कि हमारा विमान गिरा तब संसद के जरिए सच्चाई सामने लायी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि सीडीएस ने साहसपूर्वक बयान देकर मोदी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राजनीतिकरण की हवा निकाल दी है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान बुधवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।
टिप्पणियां