रविशंकर प्रसाद ने लंदन में प्रवासियों को आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग रुख से अवगत कराया
नई दिल्ली। सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फ्रांस, इटली, डेनमार्क का दौरा पूरा करने के बाद लंदन पहुंचा। लंदन में अपने प्रथम दिन पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मध्य लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और डॉ. बीआर अंबेडकर संग्रहालय का दौरा किया। इसके उपरांत हजारों की संख्या में उपस्थित भारतीय प्रवासियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग रुख से अवगत कराया।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान जनरल्स की दुकान बन गया है।
रविशंकर प्रसाद ने प्रवासी भारतीय समुदाय से कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकी शिविरों को समाप्त करना था। भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन निर्दोष भारतीयों की हत्या की कीमत आतंकियों को चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद और सरकारी तंत्र एक साथ हैं, इसलिए हर आतंकी घटना को युद्ध के रूप में देखा जाएगा। प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "पीओके में लोगों के साथ किस तरह का दुर्व्यवहार हो रहा है, क्या आप जानते हैं? वे भारत में आने के लिए रो रहे हैं। बलूचिस्तान में महिलाओं के साथ सबसे बर्बर व्यवहार किया जा रहा है। पाकिस्तान आज बहुत परेशान है। हमने चार पारंपरिक युद्ध लड़े, इनमें से कोई भी भारत ने शुरू नहीं किया, हमने केवल जवाब दिया और पाकिस्तान सभी युद्ध हार गया। 'जिन्ना ने पाकिस्तान बनाया, वह जनरल की दुकान बन गई।"
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अंबेडकर संग्रहालय में आकर गौरवान्वित महसूस हो रहा है। इस भवन में डॉ. अंबेडकर दो वर्षों तक रहे थे। भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण आवास को अधिग्रहित कर संरक्षित किया है, जिसका अब भारतीय उच्चायोग द्वारा सावधानीपूर्वक रखरखाव किया जाता है। यह संग्रहालय डॉ. अंबेडकर के जीवन और कार्य से जुड़े सभी पांच स्थलों को 'स्मृति स्थल' के रूप में संरक्षित किया गया है, जो उनकी स्थायी विरासत को दर्शाता है।
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, समिक भट्टाचार्य, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस सांसद गुलाम अली खटाना और अमर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर और राजदूत पंकज सरन शामिल हैं।
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