श्रद्धांजलि - माया गोविंद को प्रमोट करने को कभी लाइम लाइट में नहीं आए राम गोविंद अतहर
हरिगोविंद विश्वकर्मा
मुंबई, शायर, रंगकर्मी, लेखक और फिल्म निर्देशक राम गोविंद अतहर अपनी जीवन संगिनी मशहूर गीतकारा माया गोविंद की प्रतिभा का निखारने और उनको प्रमोट करने के लिए खुद कभी भी लाइमलाइट में नहीं आए। अपने छह दशक से अधिक फिल्मी करियर के दौरान वह नेपथ्य में रहकर सुपरहिट फिल्म बागबान, धार्मिक सीरियल रामायण, महाभारत और विष्णु पुराण समेत तीन दर्जन से अदिक धार्मिक सीरियल्स की पटकथा लिखते और हरिगोविंद विश्वकर्मा करते रहे।
कई हिट फिल्मों का निर्देशन करने वाले राम गोविंद का लंबी बीमारी के चलते आज (शनिवार) सुबह 10 बजे उनके जुहू स्थित आवास पर निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। यह संयोग ही है कि इतने बड़े-बड़े फिल्म प्रोजेक्ट करके अच्छा ख़ासा नाम कमाने वाले राम गोविंद को लोग माया गोविंद के पति रूप में ही जानते थे।
माया गोविंद के पुत्र अजय गोविंद ने बताया कि पिछले काफी समय से उनकी तबियत ख़राब चल रही थी, लेकिन आज सुबह उन्होंने आवास पर ही अंतिम सांस ली। उनकी शव यात्रा आज शाम पांच बजे उनके जुहू स्थित आवास से निकली। उनका अंतिम संस्कार देर शाम विले पार्ले पश्चिम स्थित पवन हंस श्मशान गृह में कर दिया गया।
1940 में लखनऊ में जन्मे राम गोविंद अतहर रंगकर्मी-शायर थे। उन्होंने लखनऊ दर्पण नाम का नाटक ग्रुप बनाया। उसी में अभिनय के दौरान उनकी मुलाकात माया गोविंद से हुई थी। दोनों के शौक, दोनों की पसंद एक जैसी थी लिहाजा, दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और कुछ साल बाद दोनों ने शादी कर ली। 1960 के दशक में दोनों ने मुंबई का रुख किया।
इस दौरान उन्हें छोटे-मोटे काम मिलते रहे। राम को फिल्म आरोप की पटकथा लिखने को मिली, उसके गाने माया गोविंद ने लिखी। इसके बाद राम ने क़ैद, मेरा रक्षक, बिंदिया चमकेगी और तोहफा मोहब्बत का समेत दर्जन भर फिल्मों की पटकथा लिखी, जिनमें अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी स्टारर बागबान सुपरहिट रही। इसके अलावा उन्होंने लगभग तीन दर्जन टेलीविजन सीरियल्स की पटकथा लिखी।
अतहर ने हिंदी के अलावा अंग्रेजी, मराठी, गुजराती और पंजाबी में लेखन कार्य किया। उन्होंने अगनिनत शेर और ग़ज़लें लिखी, लेकिन कभी अपनी किताब नहीं प्रकाशित करवाई और पत्नी को किताबें लिखने के लिए उत्साहित करते रहे और माया गोविंद की कुल 13 किताबें प्रकाशित हुईं। अतहर बहुत अच्छे अभिनेता थे। उन्हें विजय तेंदुलकर के नाटक खामोश अदालत जारी है का बेहतरीन निर्देशन के लिए संगीत-नाटक अकादमी का पुरस्कार मिला। माया गोविंद को ऊचाइंयों तक पहुंचाने में बतौर राम गोविंद का उनका अहम योगदान था।
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