आक्रांताओं का महिमामंडन बंद हो : योगी
मुस्लिम वोट बैंक के कारण विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ नहीं बोलती थी कांग्रेस-सपा
- मुख्यमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव कार्यक्रम में की शिरकत
- महाराजा सुहेलदेव स्मारक व उनकी कांस्य प्रतिमा का किया लोकार्पण
लखनऊ/बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस, सपा व अन्य दलों पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि महाराजा सुहेलदेव समेत अन्य महापुरुषों को पहले क्यों सम्मान नहीं मिला। इनके नाम पर भव्य स्मारक, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय पहले क्यों नहीं बना, क्योंकि उन्हें वोट बैंक की चिंता थी। उन्हें (विपक्ष) डर था कि महापुरुषों का नाम रखने पर तुष्टिकरण की नीति फेल न हो जाए। मुस्लिम वोट बैंक के कारण सपा और कांग्रेस के लोग विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलते थे।
मुख्यमंत्री मंगलवार को चित्तौरा ब्लॉक के मसीहाबाद ग्राम सभा में महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी ने यहां 40 करोड़ से बने महाराजा सुहेलदेव स्मारक का उद्घाटन किया और महाराजा सुहेलदेव की कांस्य की 40 फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यहां 1243 करोड़ की 384 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करने के साथ यहां 'एक पेड़ मां के नाम' के तहत पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब भाजपा देश-प्रदेश में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मना रही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्टैच्यू आॅफ यूनिटी के नाम पर सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा केवड़िया गुजरात में स्थापित कराई, तब समाजवादी पार्टी राष्ट्रतोड़क जिन्ना का गुणगान कर रही थी। जब हम लोग महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव को मनाने की बात करते थे, तब सपा व कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मियां का विवाह होना चाहिए। हमने कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद और राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए। गाजी के नाम पर होने वाले आयोजनों को इस बार से पूरी तरह से बंद कराने वालों को सीएम ने धन्यवाद दिया। सीएम ने जयंती पर महाराजा बलभद्र सिंह को भी याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव, हॉस्पिटल का नाम बालार्क ऋषि और आजमगढ़ के राज्य विवि का नामकरण भी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है। यह कार्यक्रम महापुरुषों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच का मुख्य आयोजन महाराजा सुहेलदेव, बालार्क ऋषि और इस मंडल का मुख्य आयोजन मां पाटेश्वरी के नाम पर होगा। किसी विदेशी आक्रांता के नाम पर नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गजनी से विदेशी आक्रांता तीन लाख की सेना को लेकर भारत को लूटने चला था, लेकिन महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति से मथुरा से लेकर बहराइच तक पग-पग पर उसके लिए बाधाएं खड़ी कीं। यहां पहुंचते-पहुंचते उसकी आधी सेना समाप्त हो चुकी थी। चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव के साथ 20-25 हजार वीर बांकुरों ने सालार मसूद के डेढ़ लाख आक्रांताओं को गाजर-मूली की तरह काटा डाला था। सालार मसूद को यहां जिंदा पकड़ लिया गया। उसे ऐसी सजा हुई, जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रण था कि राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए। इतिहास ने भले ही महाराजा सुहेलदेव के साथ नाइंसाफी की है, लेकिन डबल इंजन सरकार उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी, क्योंकि उनके जैसा महापुरुष शौर्य व पराक्रम का प्रतीक है। महाराजा सुहेलदेव के साथ जिन लोगों ने युद्ध में भाग लेकर भारत की धरा व धर्म को विधर्मियों से बचाया था, उन्हें भी सुविधाओं से वंचित कर दिया गया। बच्चों को कराया अन्नप्राशन, लाभार्थियों को सौंपे चेक मुख्यमंत्री ने प्रियंका, सुमित्रा, सावित्री, सीमा व रजनी के बच्चों का अन्नप्राशन कराया। इनके बच्चों का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के लाभार्थी कैलाश कुमार, चंद्रशेखर व प्रमोद कुमार को पांच-पांच लाख का चेक प्रदान किया।
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