विद्यालय मर्जर नीति के विरोध में शिक्षक संघ की बैठक संपन्न

शिक्षकों की भावनात्मक पुकार

विद्यालय मर्जर नीति के विरोध में शिक्षक संघ की बैठक संपन्न

देवरिया।उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बैतालपुर की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को बी.आर.सी. परिसर में ब्लॉक अध्यक्ष संजय मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) के आदेश का पुरज़ोर विरोध किया गया। बैठक में उपस्थित सैकड़ों शिक्षकों ने इसे शिक्षा व्यवस्था पर कुठाराघात करार देते हुए आंदोलनात्मक रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।


बैठक में निर्णय लिया गया कि 1 जुलाई को समस्त ब्लॉक के समस्त विद्यालय, विद्यालय प्रबंधन समिति और ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर इस निर्णय के विरुद्ध संगठित विरोध दर्ज कराएँगी। वक्ताओं ने इस बात पर चिंता जताई कि मर्जर नीति से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था बाधित होगी और वे विद्यालयों से वंचित हो सकते हैं।

ब्लॉक मंत्री व जनपदीय कोषाध्यक्ष जयप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह नीति शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की मूल भावना के विपरीत है। उन्होंने बताया कि अनिवार्य और नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार इस नीति से गंभीर रूप से प्रभावित होगा।

ब्लॉक अध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि विद्यालयों का बंद होना केवल भवनों का खाली होना नहीं है, यह उन बच्चों के सपनों के दरवाज़े बंद होने जैसा है। इससे न केवल शिक्षकों की पदोन्नति रुकेगी, बल्कि नवप्रशिक्षित शिक्षकों के समक्ष भी रोजगार संकट खड़ा हो जाएगा। कहा कि सरकार को केवल मानकविहीन विद्यालयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2019 में पहले ही 20,000 पद समाप्त किए जा चुके हैं और अब मर्जर के नाम पर सरकार शिक्षा के साथ अन्याय कर रही है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत पांडे ने सरकार को बेसिक शिक्षा विभाग के प्रति निष्क्रिय बताया। वहीं संघर्ष समिति के मंत्री श्री आलोक सिंह ने कहा कि 2016 के बाद से प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया ठप है और 95% से अधिक कंपोजिट व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं।

युवा शिक्षक विशाल यादव ने सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की अपील की। बैठक का संचालन ब्लॉक मंत्री श्री जयप्रकाश मणि त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर सैकड़ों शिक्षकों की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि यह केवल एक संघीय निर्णय नहीं, बल्कि जनभावना की अभिव्यक्ति है। अंत में सभी शिक्षकों ने विद्यालय मर्जर नीति के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन चलाने का संकल्प लिया। उपस्थित शिक्षकों ने भावनात्मक स्वर में कहा कि यह संघर्ष केवल शिक्षक हित में नहीं, बल्कि उस हर बच्चे के भविष्य की रक्षा के लिए है, जो शिक्षा को अपने जीवन की रोशनी मानता है।

बैठक में मिथिलेश कुमार सिंह, राकेश कुमार चतुर्वेदी, अमित चौरसिया ,सुनील कुमार सिंह ,नीरज कुमार श्रीवास्तव, हरेंद्र पाल, मानिकेश्वर सिंह, मृत्युंजय तिवारी, दिलीप कुमार गौड़, लाल साहब गौड़ ,जयप्रकाश आजाद, नंदकिशोर मिश्रा ,गोपाल राय, संतोष कुमार सिंह, सूर्यकांत पांडे, नितेश कुमार श्रीवास्तव, विवेकानंद, मुन्ना कुमार मधुकर, आलोक कुमार सिंह, विनोद कुमार गौड़, विमल कुमार मिश्रा, डॉक्टर शैलेश कुमार सिंह, अमित कुमार श्रीवास्तव, विजय कुमार ,विशाल यादव ,मिथिलेश कुमारी, सलमान खातून, अभिषेक गुप्ता सहित सैकड़ो शिक्षक उपस्थित रहे।

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