गरीब परिवार के चन्दन ने 99.94% (JRF) 'हिन्दी साहित्य' में रचा इतिहास
नई दिल्ली। आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) के 'चकवारा' गांव के पिछड़े वर्ग से सम्बंध रखने वाले चंदन पाल ने अपने बलबूते 'यूजीसी' रिजल्ट परीक्षा में 99.94 percentile(JRF) 'हिन्दी साहित्य' में बाजी मारी है। चन्दन बताते है कि मेरे माता-पिता 'विद्या और राम विलास' सीमान्त वर्गीय किसान दंपति हैं। दोनों ही अशिक्षित हैं पिता सीजन में दिहाड़ी मजदूरी करके तो माँ गाय का दूध बेच के, तो कभी बकरी पालन से जैसे तैसे दोनों कठीन परिश्रम से मेरे और मेरे भाई सूरज की पढ़ाई का खर्च वहन करते हैं तथा परिवार चलाते हैं।
चन्दन ने बताया कि शाम में 'यूजीसी' ने रिजल्ट जारी किया है जिसमें बिना किसी कोचिंग के या अन्य सहायता के मैंने 99.94 percentile(JRF) 'हिन्दी साहित्य' विषय में स्कोर किया हैl इससे पहले भी दिसम्बर के परीक्षा में मैं नेट के साथ सफल हो चुका हूँ, और ये सब अपने 'एम. ए' के दौरान ही स्वाध्याय के बल-बूते ही किया है। मेरे गांव और आसपास के लोगों में पढ़ाई को लेकर कुछ खास जागरूकता नहीं है। या कहें जो थोड़ी बहुत जागरुकता है भी तो असुरक्षा का भाव कहीं अधिक है। इसके कारण हैं शिक्षा का व्यावसायीकरण, सस्ती और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का अभाव।
पढ़ -लिख जाने के बाद इस बात की असुरक्षा की भ्रष्टाचार है, बिना घूस के नौकरी नहीं मिलती। महंगी शिक्षा फिर उसके बाद नौकरी के लिए घूस जैसी धारणाएं लोगों में घर किए हुए हैं ऊपर से गांव समाज में मौजूद कुछ असफल उदाहरण लोगों की आशाओं को पस्त कर देते हैंl लोग शिक्षा पर, बच्चों पर खर्च करने में संकोच रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर और अक्षम हैं वो तो हैं ही जो सक्षम हैं वो भी।
माना जा सकता है किचन्दन जैसे मेहनती और होनहार बच्चों की सफलता देख कर गांव और आसपास के लोगों में शिक्षा को लेकर थोड़ा बहुत उत्साह आयेगा। इससे साथ समाज में थोड़ी भी सकारात्मक ऊर्जा भी आयेगी। तरुणमित्र की टीम चन्दन को बधाई के साथ उज्जवल भविष्य की कामना भी प्रेषित करता है।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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