बलरामपुर आरक्षक हत्याकांड मामले का खुलासा
मुख्य आरोपित और मास्टरमाइंड समेत आठ गिरफ्तार, तीन ट्रैक्टर भी जब्त
बलरामपुर । बलरामपुर पुलिस आरक्षक हत्याकांड के बाद रेत माफिया पर लगातार लगाम लगा रही है। बीते 12 मई की रात अवैध रेत उत्खनन कर रहे तस्कर पर कार्रवाई करने गए आरक्षक की हत्या कर दी गई। बलरामपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर जांच में जुट गई। इधर, घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। बलरामपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सात थाने की विशेष टीम बनाकर घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपित समेत आठ को पकड़कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
शुक्रवार की देर शाम सनावल थाने में पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की सात टीमें लगाई गई थी। जो झारखंड और उत्तरप्रदेश में लगातार छापेमारी कर रही थी। संदिग्धों को पकड़कर पूछताछ किया गया, जिसमें घटना में शामिल आरोपितों को पकड़ने में सफलता मिली। हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ के दौरान पता चला कि, नसीमुल हक उर्फ नसीम इस मामले का मास्टरमाइंड है। जो गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र के खाला टोला का निवासी है। इसके नौ लड़के है।
एसपी ने आगे बताया कि, रेत तस्करी से मास्टरमाइंड नसीम दो ट्रैक्टर, दो हाइवा और एक जेसीबी खरीदकर अवैध रेत उत्खनन के काम में लगाया था। इसमें इसके सभी नौ लड़के इसका सहयोग करते थे। सनवाल की कन्हर नदी झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा का विभाजन करती है। यही से आरोपित नसीम अवैध रेत उत्खनन कर झारखंड के गढ़वा जिले के परसापानी में रेत डंप करता और हाइवा से रेत जेसीबी के माध्यम से लोड कर झारखंड और उत्तरप्रदेश के अलग अलग जिलों तक रेत मुहैया करवाता था। रेत की काली कमाई से इसने अपना साम्राज्य खड़ा किया था।
रेत की काली कमाई से बेखौफ अपने बेटे मुख्य आरोपित हमीदुल हक उर्फ हमीद को इसने सख्त निर्देश दिया था। रेत परिवहन के समय अगर कोई भी पुलिसवाला बाधा बने, तो उसे बेखौफ होकर मौत के घाट उतार देना, बाकी हम देख लेंगे। मुख्य आरोपित अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहा था। 12 मई की दरमियानी रात भी उसने ठीक वैसा ही किया।
जिले के एसपी वैभव बेंकर ने आगे बताया कि, 12 मई की रात में लिबरा घाट से रेत उत्खनन की शिकायत मिली थी जिसके बाद वन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम कार्रवाई करने के लिए लिबरा घाट पहुंची, जहां तीन ट्रैक्टर के साथ एक चालक, आरिफुल हक, मुख्य आरोपित हमीदुल हक और उपेन्द्र कोरवा घटनास्थल पर रेत ट्रैक्टर पर लोड करवा रहा था। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम को देख इनके बीच हड़कंप मच गया। सभी अपनी-अपनी ट्रैक्टर को कन्हर नदी से निकालने में जुट गए। इसी दौरान आरक्षक शिवबचन सिंह घटना के मुख्य आरोपित हमीदुल हक की ट्रैक्टर को रोकने लगे। तभी उसने आरक्षक की ट्रैक्टर से हत्या कर अन्य पुलिस और वन विभाग की टीम पर भी ट्रैक्टर से हमला करने की कोशिश की। जिसमें जवान बाल बाल बचे। घटना को अंजाम देने के बाद बेखौफ होकर आरोपित फरार हो गया।
बलरामपुर पुलिस ने जब आरोपित चालकों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि, मास्टरमाइंड नसीमुल हक के द्वारा बताया गया था कि, रेत परिवहन में अगर छत्तीसगढ़ पुलिस बाधा बने, तो बेखौफ होकर मौत के घाट उतार देना। जिसके बाद मुख्य आरोपित हमीदुल ने भी ठीक वैसा ही किया।
पुलिस ने इससे पूर्व आरिफुल हक (24 वर्ष), जमील अंसारी (41 वर्ष), उपेन्द्र कोरवा (25 वर्ष), शकील अंसारी (22 वर्ष), अकबर अंसार (50 वर्ष) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
बीते शाम पुलिस ने घटना के मास्टरमाइंड नसीमुल हक उर्फ नसीम (65 वर्ष), मुख्य आरोपित हमीदुल हक उर्फ हमीद (20 वर्ष), आरोपित निजामुल हक उर्फ निजाम (26 वर्ष) सभी आरोपित थाना धुरकी जिला गढ़वा झारखंड निवासी को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल किए गए तीन ट्रैक्टर जब्त कर आज न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
एसपी वैभव बेंकर ने बताया कि, इस मामले में अभी जांच जारी है। जांच के आधार पर अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। इस मामले में आगे भी गिरफ्तारी हो सकती है।
इस कार्रवाई में निरीक्षक अजय साहू, कुमार चंदन सिंह, व्यास नारायण चुरेंद्र, उप निरीक्षक हिम्मत सिंह शेखावत, धीरेन्द्र तिवारी, मनोज नवरंगे, गजपति मिर्रे, नवल किशोर दुबे, सहायक उप निरीक्षक अश्विनी सिंह, राधेश्याम विश्वकर्मा, गोटिया राम मरावी, शिव कुमार सिंह, पंचम राम भगत, प्रधान आरक्षक मायापति सिंह, नारायण तिवारी, विजय टोप्पो, विक्रम एक्का एवं साइबर सेल के प्रधान आरक्षक नागेंद्र पांडेय, राहुल यादव, आरक्षक राजकमल सैनी, मंगल सिंह, सुखलाल, पंकज शर्मा, राजकिशोर, आकाश तिवारी, प्रशांत भगत शामिल है।
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