आंध्र प्रदेश की टीम ने देखी लखनऊ की सफाई व्यवस्था
मेयर के समक्ष की शिवरी प्लांट और ई-वाहनों की तारीफ
लखनऊ। मंगलवार को आंध्र प्रदेश सरकार के नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग के मंत्री के नेतृत्व में स्वच्छ आंध्र निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल लखनऊ आया। इस दल ने नगर निगम की सफाई से जुड़ी कई जगहों का दौरा किया। इस दौरान शिवरी प्रोसेसिंग प्लांट और निर्माण एवं ध्वस्तीकरण कचरा संयंत्र खास तौर पर सभी के ध्यान का केंद्र रहे।
आंध्र प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। इनमें मंत्री, नगर प्रशासन एवं शहरी विकास पी. नारायणा, मंत्री के ओएसडी गोपीनाथ, स्वच्छ आंध्र निगम के चेयरमैन के. पत्ताभिराम, नगरपालिका प्रशासन के आयुक्त एवं निदेशक डॉ. पी. संपत कुमार (आईएएस), स्वच्छ भारत मिशन के स्टेट मिशन डायरेक्टर बी. अनिल कुमार रेड्डी (आईएएस), सैक के मुख्य अभियंता के. वें गोपाला राव, सैक के सीओओ डॉ. डी. दसरथ रामि रेड्डी, माडनपल्ले नगर निगम के नगर आयुक्त शेख अलीम बाशा, सैक के डिप्टी इंजीनियर के. सतीश कुमार तथा एपीजीबीसी के प्रबंध निदेशक मुद्रागिरी कुमार वेंकटा शामिल थे।
सबसे पहले गोमती नगर स्थित विनीत खंड के पीसीटीएस सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने लखनऊ नगर निगम के डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन ई-वाहनों और सड़क की सफाई करने वाली मशीनों को देखा। उन्होंने इन वाहनों की क्षमता, चार्जिंग की सुविधा, और रखरखाव के तरीकों के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने इस दौरान गोमती नगर के विराम खंड-2 में राम भवन के पास डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन देखा कि किस तरह से घरों से कचरे को अलग-अलग किया जाता है और फिर प्राइमरी व फाइनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिए उसे शिवरी प्लांट तक पहुँचाया जाता है। इसके बाद स्मार्ट सिटी कार्यालय में मेयर सुषमा खर्कवाल,उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता, पार्षद दल के उपनेता सुशील तिवारी 'पम्मी' जी, नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव और अरुण कुमार गुप्त की मौजूदगी में लखनऊ की सफाई व्यवस्था पर एक प्रस्तुति दी गई।
फिर सभी अधिकारी इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर भी गए, जहां वाहनों की निगरानी और सफाई एजेंसियों के कामकाज की रियल टाइम मॉनिटरिंग होती है। आंध्र प्रदेश सरकार के नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग के मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल ने शिवरी स्थित शिवरी प्रोसेसिंग प्लांट का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने प्लांट की कार्यप्रणाली और अपशिष्ट प्रबंधन की प्रक्रिया को समझा। प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम लखनऊ के कूड़ा निस्तारण के कार्य की काफी सराहना की और लखनऊ मॉडल को आंध्र प्रदेश में लागू कराने पर भी रुचि दिखाई। प्रतिनिधिमंडल ने मोहनलालगंज में स्थित निर्माण व ध्वस्तीकरण कचरा प्रोसेसिंग प्लांट भी देखा। यह प्लांट रोजाना 300 टन मलबे को रिसाइकल करता है। मेयर ने बताया कि पहले जो मलबा सड़कों और फुटपाथों पर जमा हो जाता था, अब उसे उपयोगी सामान में बदला जा रहा है।
टिप्पणियां