एडीएम सिटी गंभीर सिंह और उनकी पत्नी शिक्षा के क्षेत्र में नायक कहे जाते हैं
पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने में अंजली सिंह ने मिसाल कायम की
गाजियाबाद। एडीएम सिटी गंभीर सिंह वाकई में शिक्षा में क्रांति के नायक साबित हुए, इसी कड़ी में उन्हें 'एजुकेशन मेन' का खिताब भी मिला, पीसीएस अधिकारी गंभीर सिंह की बात करें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि आज समस्त देश में 'एजुकेशन मेन' के नाम से मशहूर हो चुके हैं। बताते चलें कि 2014 बैच के युवा और ऊजार्वान अधिकारी ने जिस भी जिले में कदम रखा, वहां न केवल प्रशासनिक सुधार किए, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में वह कार्य किए जो अपने आप में बहुत कुछ बयां करने के लिए काफी हैं, चूंकि गंभीर सिंह ने नवाचार का ऐसा बिगुल फूंका जिसके चर्चे आम हैं। जिला बिजनौर के निवासी गंभीर सिंह शिक्षा के प्रति बेहद अपने नाम की तरह गंभीर रहते हैं, इसी के साथ उनके द्वारा यातायात नियमों के प्रति भी जागरूकता अभियान का संचालन किया जाता है, एडीएम सिटी गंभीर सिंह ने शिक्षा के साथ-साथ यातायात के नियमों का पालन करवाने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाए हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि आज के समय में, जब युवा स्टंटबाजी के शौक में यातायात नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, ऐसे में गंभीर सिंह उन्हें यातायात नियमों का पालन करने की शपथ दिलाते हैं। एक समय जब वह अमरोहा के हसनपुर में एसडीएम थे तब उन्होंने करवाचौथ के मौके पर बाइक पर बिना हेलमेट के यात्रा कर रहे दंपत्तियों को हेलमेट वितरित कर एक अनूठा अभियान चलाया जो काफी हद तक सराहनीय कार्य कहा गया। वहीं सच्चाई को अगर बयां किया जाए तो यह कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि गंभीर सिंह एक प्रेरणा स्रोत हैं, देश के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर सिंह ने जो परिवर्तन किए हैं वह न केवल उनकी प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है बल्कि उनके सामाजिक दायित्व और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी बखूबी दशार्ता है। उनके द्वारा उठाए गए कदम न केवल छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक हैं बल्कि समाज में शिक्षा का महत्व भी खूब बढ़ा रहे हैं। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा वह योगदान दिया गया है जिसे आज पूरे देश में सराहा जा रहा है। गंभीर सिंह ने मुरादाबाद, अमरोहा, बलिया, और अब गाजियाबाद में बतौर एडीएम अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शिक्षा के स्तर में क्रांतिकारी सुधार किए। अमरोहा में उनके कार्यकाल के दौरान बोर्ड परीक्षाओं में अभूतपूर्व सफलता हासिल की। अब जाहिर तौर पर इसका श्रेय गंभीर सिंह को जाना ही चाहिए। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों स्कूलों की दशा और दिशा बदलने में गंभीर सिंह का बड़ा योगदान रहा है। यहां पर बेहद सुखद बात यह है कि गंभीर सिंह की इस मुहिम में उनकी पत्नी अंजली सिंह का भी बड़ा योगदान है। आपको बताते चलें कि अंजली सिंह पेशे से शिक्षिका हैं इसी के साथ 'नया विचार नई ऊर्जा' फाउंडेशन की राष्ट्रीय संयोजिका हैं। अंजली सिंह अपने पति गंभीर सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने में पुरजोर कोशिश कर रही हैं। एडीएम सिटी गंभीर सिंह ने देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ऐसे दर्जनों लोगों की टीम तैयार की है, जो इस दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। आज हिंदी दैनिक तरूणमित्र समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ लायक हुसैन को फाउंडेशन के कलेंडर के साथ तस्वीर खिंचवाते हुए उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता को सराहा, और भविष्य में तरूणमित्र में अपने लेखों से शिक्षा के क्षेत्र में अधिकाधिक प्रकाशन कर शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने का आह्वान किया। इस दौरान एडीएम सिटी गंभीर सिंह और उनकी पत्नी अंजली सिंह ने दैनिक तरूणमित्र को सच्चाई की नींव को मजबूत रखने वाला समाचार पत्र भी बताया।
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