60 मेडिकल कालेजों का हुआ निर्माण - पाठक

आरएमएल के वार्षिक स्थापना दिवस में डिप्टी सीएम ने नए विभागों का किया लोकार्पण

60 मेडिकल कालेजों का हुआ निर्माण - पाठक

- नर्सिंग कालेजों को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुरूप,दी स्वीकृति 

- निदेशक प्रो सोनिया नित्यानंद ने संस्थान की गिनाई उपलब्धियां

लखनऊ। प्रधान मंत्री के नेतृत्व में चिकित्सीय जगत में आमूल-चूल परिवर्तन हुये हैं। भारत सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने नये 60 मेडिकल कालेजों का निर्माण किया है। प्रदेश में क्रियान्वित मिशनः निरामयः योजना के तहत कई नर्सिंग कालेज को भी क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानको के आधार स्वीकृत दी जा रही है।यह बातें गुरुवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के वार्षिक स्थापना दिवस समारोह पर बतौर मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कही।उन्होंने संस्थान के इलाज और जटिल सर्जरी में उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में प्रदेश द्वारा देश ही नही अपितु अर्न्तष्ट्रीय स्तर पर भी नर्सिंग छात्रायें अपनी सेवाये प्रदान कर सके।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के इंटर एवं डिग्री कालेजों में जाकर छात्रों की यदि नर्सिंग को आजिवीका के रूप में चुनते है तो वह मानव सेवा भी करते हैं। यदि उनके इस पेशे से मरीज के किसी भी परिजन के चेहरे पर मुस्कान आती है तो वह गंगा स्नान के बराबर है। उन्होंने यह भी बताया की नर्सेज की जरूत पूरे विश्व में हैं। अग्रेतर उन्होंने ये बताया आयुष्मान योजना के अंतर्गत लगभग  प्रदेश की 4 करोड़ जनता को लाभन्वित किया गया है जो कि अनुकरणीय है। अंत में उन्होंने प्रधान मंत्री की चिकित्सीय क्षेत्र में दी जाने वाली उत्कृष्ट सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

वहीं स्थापना दिवस में डॉ विनोद कुमार पाल सदस्य नीति आयोग, डॉ. राजीव कुमार बहल,भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली, पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान संस्थान के संकाय सदस्य, अधिकारीगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्रायें, उपस्थित रहे।इसी क्रम में डिप्टी सीएम वार्षिक स्थापना दिवस पर संस्थान की नई मैटरनल आईसीयू, पीडियाट्रिक्स न्यूनटेल आईसीयू,पीडियाट्रिक्स सर्जरी एवं आब्स एण्ड गायनी के लिए माडुलर ओटी, बहुमंजिला नर्सिंग आवास, इमरजेन्सी वाड के विस्तार के लिए अतिरिक्त 30 आईसीयू बेडों, ऑस्पिटल ब्लॉक में थैलेसीमिया डे केयर वार्ड की स्थापना एवं बहुमंजिला गर्ल्स हॉस्टल का लोकापर्ण किया।साथ ही प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोहिया संस्थान के संकाय सदस्यों को अपने विभागीय क्षेत्र से बाहर निकल ग्रामीण अचंल में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने के लिए सुलभ संचार व्यवस्था निर्मित करें।

चिकित्सा शिक्षा विभाग लगातार चिकित्सीय सेवाओं के उच्चीकृत के लिए कार्यरत है। कार्यक्रम के अति विशिष्ट डॉ राजीव कुमार बहल ने अनुसंधान विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किसी भी देश की उन्नति वहाँ की अनुसंधान यानि शोध के ऊपर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी बताया कि शोधकर्ता केवल मेडिकल कालेजों का कार्य नही है। उन्होंने शोध कैसे की जाय, शोध कितने प्रकार की होती है किस प्रकार आईसीएमआर शोध के लिए फंडिंग देता है पर विस्तार पूर्वक जानकारी या उन्होंने कई दिग्गज संस्थानों के नाम साझा किये जिन्हें शोध के लिए दो करोड़ से पाँच करोड़ रूपये की फंडिंग दी गयी। वहीं संस्थान की निदेशक प्रो सोनिया नित्यानन्द ने स्थापना दिवस उद्बोधन में संस्थान की विगत 3 वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया कि प्रदेश में प्रथम तथा उत्तर भारत में दूसरा एनएबीएच हो गया है।उन्होंने कहा कि फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स कॉमर्स इंडस्ट्री में अवार्ड मिला है।इसके अलावा उन्होंने संस्थान समस्त उपलब्धियों को बताया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्तृत्व कर्ता डॉ विनोद पाल ने अपने अल्प समय में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की एवं संस्थान की निदेशक प्रो0 सोनिया नित्यानन्द को कुशल नेतृत्व के लिए बधाई दी।

उन्होंने अपने वक्तब्य में केंद्र सरकार एवं माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा स्वरूप स्वास्थ्य संबन्धित कई योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी तथा उनको अपनाने के लिए प्रेरित किया ताकि प्रदेश की जनता ग्रामीण स्तर पर वृहद रूप से लाभान्वित हो सके।उन्होंने संकाय सदस्य एवं छात्रों से अपील की कि लोहिया संस्थान एक प्रसिद्ध नाम है जिसे आगे ले जाने हेतु हम सभी को अपने कार्य क्षेत्र में पूर्ण लग्न तथा गुणवत्ता पूर्वक कार्य करना होगा। उन्होंने संस्थान चिकित्सकों का आवाहन करते हुए कहा कि वैसे तो 2025 वर्ष को पूर्णतः टीबी उन्मूलन वर्ष के रूप में देखा जा रहा है किंतु संस्थान यह कार्य 2024 में ही करके एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान को अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के लिए ये कार्य करते रहने होंगे। उन्होंने सूझाव दिया कि संस्थान आने वाले वर्षों में लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा का भी प्रारम्भ करें। और विभाग से आग्रह किया किया वह ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को और सशक्त बनाए।

देश भर में एक ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए संस्थान को अपनी एनआईआरएफ रैंकिंग को और अच्छी करनी होगी। अतः उन्होंने छात्रों का आवाहन करते हुुए उन्हें चिकित्सा जगत में कई सृजनात्मक कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि एक स्वस्थ देश ही प्रगतिशील देश बन सकता है।धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एके सिंह द्वारा दिया गया।साथ ही छात्रों एवं संकाय सदस्यों को पुरस्कृत भी किया गया।

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