इस राज्य सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जाम छलकाना हुआ महंगा

इस राज्य सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जाम छलकाना हुआ महंगा

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर है। राज्य में अब अल्कोहल का सेवन करना महंगा पड़ने वाला है, क्योंकि राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को आबकारी विभाग में राजस्व बढ़ाने वाले बदलावों को मंजूरी दे दी है। इसमें शराब पर शुल्क में बढ़ोतरी भी शामिल है। यानी शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने जा रही है। Mid Day की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र कैबिनेट के फैसले के अनुसार, भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) पर उत्पाद शुल्क घोषित विनिर्माण लागत के तीन गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना (260 रुपये प्रति बल्क लीटर तक) किया जाएगा, जबकि देसी शराब पर शुल्क 180 रुपये से बढ़कर 205 रुपये प्रति प्रूफ लीटर हो जाएगा।

संशोधित न्यूनतम खुदरा मूल्य 
खबर के मुताबिक, 180 एमएल की बोतलों के लिए संशोधित न्यूनतम खुदरा मूल्य देसी शराब 80 रुपये, एमएमएल 148 रुपये, आईएमएफएल 205 रुपये और प्रीमियम विदेशी शराब 360 रुपये है। एफएल-2 और एफएल-3 लाइसेंस (क्रमशः सीलबंद बोतल और ऑन-प्रिमाइसेस बिक्री के लिए) अब क्रमशः 15 प्रतिशत और 10 प्रतिशत अतिरिक्त वार्षिक लाइसेंस शुल्क के अधीन, समझौतों के माध्यम से संचालित किए जा सकते हैं।

महाराष्ट्र निर्मित शराब की एक नई कैटेगरी शुरू 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से कहा गया है कि एक उच्च स्तरीय अध्ययन समूह ने बाकी राज्यों की नीतियों की जांच की और राज्य उत्पाद शुल्क, लाइसेंसिंग और कर संग्रह में सुधार पर सिफारिशें प्रस्तुत कीं। राज्य ने स्थानीय निर्माताओं द्वारा विशेष रूप से उत्पादित अनाज आधारित महाराष्ट्र निर्मित शराब (एमएमएल) की एक नई श्रेणी भी शुरू की है। एमएमएल ब्रांडों को नए पंजीकरण की आवश्यकता होगी।

इन शहरों में स्थापित होंगे ये कार्यालय 
सीएमओ ने कहा कि कैबिनेट ने विभाग के पुनर्गठन, डिस्टिलरी, बॉटलिंग प्लांट और थोक लाइसेंस की एआई-आधारित निगरानी के साथ एक एकीकृत नियंत्रण सेल की स्थापना और मुंबई में एक नया मंडल कार्यालय बनाने के साथ-साथ मुंबई शहर, मुंबई उपनगरों, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और अहिल्यानगर जिलों में छह अतिरिक्त अधीक्षक-स्तरीय कार्यालयों को बनाने की मंजूरी दे दी है। सरकार के आज के इन फैसलों से उत्पाद शुल्क और संबंधित करों के रूप में सालाना 14,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।

वजीफा भी बढ़ाने का फैसला
मंत्रिमंडल ने सरकारी फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा कार्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वजीफे में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। स्नातक प्रशिक्षुओं के लिए वजीफा 1,750 रुपये से बढ़कर 8,000 रुपये प्रति माह हो जाएगा। इसी तरह, स्नातकोत्तर छात्रों को 33,730 रुपये प्रति माह मिलेंगे। मुंबई, पुणे, नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर और नांदेड़ के सरकारी कॉलेजों में छह महीने की इंटर्नशिप करने वाले नर्सिंग छात्रों को 8,000 रुपये मासिक मिलेगा।


In

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 में जीत को लेकर आत्मविश्वास से भरा है दक्षिण अफ्रीका डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 में जीत को लेकर आत्मविश्वास से भरा है दक्षिण अफ्रीका
लंदन । लॉर्ड्स में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुश्किल स्थिति के बावजूद...
डब्ल्यूटीसी फाइनल में गेंदबाज़ों का दबदबा, टेस्ट क्रिकेट के लिए बेहतरीन विज्ञापन: पैट कमिंस
अलेक्जेंडर ज्वेरेव स्टटगार्ट ओपन 2025 के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे
मिडफील्डर केविन डि ब्रून ने मैनचेस्टर सिटी छोड़ने के बाद नापोली के साथ किया करार
करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर का निधन, पोलो खेलते समय आया हार्ट अटैक
 हाइफा में युद्ध विरोधी प्रदर्शन पर कार्रवाई, तीन प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
13 वर्षीय बालिका नैनी झील में डूबी , बचाव दलों ने कांटे डालकर 5 घंटे में तलाशा शव