स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने प्रभु भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति दिखाई : मुख्यमंत्री

-राज्य के 23 जिलों से 161 से अधिक वाल्मीकि पंथ के संत-महंत उपस्थित रहे

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने प्रभु भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति दिखाई : मुख्यमंत्री

अहमदाबाद। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को अहमदाबाद के टैगोर हॉल में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज के 93 प्राकट्य दिवस के अवसर पर आयोजित ‘पहले देश-तप वंदना’ कार्यक्रम में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि अध्यात्मिक चेतना के अपूर्व धनी और भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के कार्यों की महक हम सभी को यहां खींच लाई है। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने प्रभु भक्ति के साथ-साथ राष्ट्र भक्ति की दिशा दिखाई है। हमारा सामाजिक जीवन धर्म, विज्ञान और राष्ट्र, इन तीनों प्रवाहों में बहता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी देश सेवा और देव सेवा के हिमायती हैं।

पटेल ने कहा कि स्वामी जी पीड़ित और वंचित वर्गों की मदद करने के लिए वर्षों तक लगातार उनके बीच रहे। उनके द्वारा किए गए सत्कार्यों के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत जीव और शिव के बीच के सेतु होता है। स्वामी जी ने शिव भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति भी सिखाई है और जगदंबा के साथ-साथ मां भारती की पूजा करने की भी सीख दी है। उन्होंने ऐसे संत के आशीर्वाद प्राप्त करने के अवसर को स्वयं के लिए सौभाग्य की बात बताया।

उन्होंने संतों की आराधना के विषय में कहा कि भारत में वर्षों से संतों का महिमागान होता आया है। भारत भूमि ने ऐसे संत और ऋषि दिए हैं, जो परलोक के साथ-साथ इस लोक की भी बात करते हैं। भारत-भूमि को सदैव साधु-संतों का प्रेम और आशीर्वाद मिलता रहा है। गुजरात को भी अनेक साधु-संतों के आशीर्वाद प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे पवित्र संतों के आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बरसते रहेंगे और ‘विकसित गुजरात से विकसित भारत’ के संकल्प में धर्म शक्ति का योगदान भी मिलता रहेगा।

इस अवसर पर समन्वय परिवार, गुजरात राज्य की नई इकाई का शुभारंभ किया गया तथा साणंद में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज सेवा केंद्र और साणंद में भारत रत्न नानाजी देशमुख संकलित सेवा केंद्र के शुभारंभ की घोषणा की गई। कार्यक्रम में राज्य के 23 जिलों से 161 से अधिक वाल्मीकि पंथ के संत-महंत उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद और क्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन के पीठाधीश्वर संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज, रामकृष्ण आश्रम राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम क्षेत्र के संघ चालक डॉ. जयंतीभाई भाडेशिया, असारवा की विधायक दर्शनाबेन वाघेला, रसिकभाई खमार सहित समन्वय परिवार के सदस्य, गायत्री परिवार, वाल्मीकि परिवार और रामकृष्ण मिशन परिवार के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में संत-महंत और हरिभक्त उपस्थित रहे।

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