सोन नदी में बालू बंदोबस्तधारियों ने पानी में बनाया अवैध बांध, दबकर मर गये हजारों जल-जीव

पटना में चार खनन निरीक्षक तैनात फिर भी दिखाई नहीं दे रहा घाट संख्या- 13 , 15 , 4 एवं 5 , सोन घाट संख्या- 10 में ई सी एरिया से बाहर खुलेआम अवैध खनन

सोन नदी में बालू बंदोबस्तधारियों ने पानी में बनाया अवैध बांध, दबकर मर गये हजारों जल-जीव

सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता की भूमिका भी संदिग्ध , डेढ़ माह में एक बार भी नहीं किया निरीक्षण

रवीश कुमार मणि 
 
पटना ( अ सं ) । 04 दिसंबर । उप मुख्यमंत्री सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा का हेलीकॉप्टर यात्रा हवा - हवाई रहा या कार्रवाई हुई आम लोग यह वायरल वीडियो और जीओ टैगिंग तस्वीर देखकर स्वयं निर्णय ले सकते है । खनन निरीक्षकों व सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के एसडीओ के संरक्षण में बालू बंदोबस्तधारी ने पटना जिला स्थित सोन नदी में मुख्य धारा, पानी के बीचोंबीच अवैध बांध बना दिया है । इसमें हजारों जल - जीव दबकर मर गये है । जो एनजीटी / सीआ / बालू खनन अधिनियम / सोन बाढ़ सुरक्षा अधिनियम / पर्यावरण अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन के साथ गंभीर अपराध है । आम जनता यह जानना चाहती है की  बंदोबस्तधारियों के ग़ैरक़ानूनी कार्रवाई के विरूद्ध संबंधित विभाग कब कार्रवाई करेगी/ करेगी भी या नहीं करेगी । या यह मान लिया जाएं की खनन विभाग जंगल राज के दौर से गुजर रहा है । 
 
         
पटना जिला सोन नदी घाट संख्या- 13 ( कटारी ) में सोन नदी में मुख्यधारा को अवरुद्ध करते हुए बालू बंदोबस्तधारी ने पानी के बीचोंबीच बांध बना दिया है । हैवी पॉकलेन मशीन से बांध बनाने के क्रम में हजारों जल - जीव दबकर मर गये । पॉकलेन द्वारा पानी के अंदर मशीन चलाया गया । दिन - रात आज भी मशीन चल रहा है । कुछ इसी तरह का हाल सोन नदी बालू घाट संख्या 15 का है । सोन बालू घाट संख्या 4 एवं 5  में भी बंदोबस्तधारी ने बालू खनन के लिए मुख्यधारा को अवरुद्ध करते हुए पानी के बीचोंबीच बांध बनाकर जल - जीवों पर आघात पहुंचाने का काम किया है । सोन बालू घाट संख्या 10 के दक्षिण 80 मीटर ईसी एरिया से बाहर अवैध खनन किया गया है । सोन नदी घाट संख्या 6 के बंदोबस्तधारी ने सरेंडर कर दिया है लेकिन रात में अवैध खनन कर सरकारी राजस्व का नुक़सान पहुंचाया जा रहा है । 
 
 मान लिया जाएं की मंत्री जी के हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वेक्षण में दूरबीन से दिखाई कम दिया हो लेकिन पदस्थापित खनन निरीक्षक क्या टीन का चश्मा लगाएं हुए है ।क्या सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के सहायक अभियंता को दिखाई नहीं दे रहा की सोन का खुलेआम दुर्दशा हो रहा है । अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने कम शब्दों में कहां की संबंधित ऐ सभी पदाधिकारी सरकारी नौकरी नहीं बल्कि बालू माफियाओं के शेयरदार है । कार्रवाई के नाम पर महज ख़ानापूर्ति की जा रहीं है । सीबीआई जांच के लिए पटना हाईकोर्ट में जल्द याचिका दाखिल करेंगे । 

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