दो बार के ओलंपिक पदक विजेता ललित उपाध्याय ने लिया संन्यास, हॉकी इंडिया ने दी बधाई
नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी फॉरवर्ड और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता ललित उपाध्याय ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी। भारत ने बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग मुकाबले में 4-3 की जीत के साथ अपना सीजन खत्म किया, जिसके तुरंत बाद ललित ने सोशल मीडिया के जरिए अपने फैसले से सभी को अवगत कराया।
कई उपलब्धियों से सजी शानदार पारी
ललित उपाध्याय ने भारत के लिए 183 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 67 गोल दागे। उन्हें भारतीय फॉरवर्ड लाइन का एक अहम और भरोसेमंद हिस्सा माना गया, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा, मैदान पर सूझबूझ और दबाव की घड़ी में संयमित खेल के लिए जाने जाते थे।
2014 हॉकी वर्ल्ड कप से पदार्पण करने वाले ललित ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक और पेरिस 2024 ओलंपिक में दोबारा कांस्य पदक जीतकर खुद को बड़े मुकाबलों का खिलाड़ी साबित किया।
ओलंपिक के अलावा ललित भारत की 2016 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी, 2017 एशिया कप (जिसमें उन्होंने चार गोल किए), 2018 एशियाई खेलों (कांस्य), 2018 पुरुष एशियन चैंपियंस ट्रॉफी (स्वर्ण), 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल (कांस्य) और 2018 एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी (रजत) जैसी कई अहम सफलताओं के भागीदार रहे। वे 2021-22 एफआईएच प्रो लीग में कांस्य और 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे।
भारतीय हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
संघर्षों से सफलता तक का सफर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के छोटे से गांव से आने वाले ललित का सफर संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने रविवार रात अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "यह सफर एक छोटे से गांव से शुरू हुआ, जहां संसाधन सीमित थे, लेकिन सपने अनंत। एक स्टिंग ऑपरेशन से लेकर ओलंपिक पोडियम तक पहुंचना— वह भी दो बार, यह यात्रा चुनौतियों, सीख और गौरव से भरी रही। मेरे शहर से 26 साल बाद कोई ओलंपियन बनना मेरे लिए गर्व और आभार का विषय है।"
ललित ने अपने संन्यास संदेश में अपने परिवार, कोच परमानंद मिश्रा, एयर इंडिया में मौका देने वाले हरिंदर, मेंटर समीर और धनराज, बीपीसीएल, अपने साथियों, हॉकी इंडिया और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया। उन्होंने उल्लेख किया कि उन्हें डीएसपी पद की जिम्मेदारी भी गर्व से निभानी है।
ललित ने अपने संदेश में टीम इंडिया के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खासतौर पर याद करते हुए लिखा, "हॉकी ने मुझे सबकुछ दिया और उसमें तुम (हरमनप्रीत) सबसे कीमती तोहफा हो, भाई।"
हॉकी इंडिया ने दी बधाई
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने ललित के योगदान पर कहा, "ललित अपने दौर के सबसे स्टाइलिश और समर्पित फॉरवर्ड में से एक रहे हैं। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर हो या किसी लीग मैच में, उन्होंने हमेशा भारत के लिए गर्व और जज्बे के साथ खेला। वाराणसी की गलियों से ओलंपिक पोडियम तक की उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। हम उनके योगदान के लिए आभार प्रकट करते हैं और उनके आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हैं।"
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने भी ललित की प्रशंसा करते हुए कहा, "ललित ना केवल मैदान पर निर्भीक खिलाड़ी रहे, बल्कि मैदान के बाहर भी बेहद विनम्र इंसान हैं। उनकी निरंतरता, तकनीक और बड़े मुकाबलों में प्रदर्शन करने की क्षमता ने उन्हें टीम की रीढ़ बनाया। हॉकी इंडिया को उनके योगदान पर गर्व है और हम उनके शानदार करियर को हमेशा याद रखेंगे।"
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