राजभवन में लगी प्रदर्शनी में श्रीगणेश व लक्ष्मी जी बनी आकर्षण का केंद्र
नगर निगम के कान्हा उपवन में तैयार किए गए हैं ईकोफ्रेंडली श्रीगणेश व लक्ष्मी
नगर निगम ने वेस्ट टू वंडर फॉर्मूला किया राजभवन में प्रेजेंट
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित राजभवन के प्रांगण में तीन दिवसीय पुष्प, फल और शाक-भाजी प्रदर्शनी की शुक्रवार से शुरुआत हुई। वसंत ऋतु की गुनगुनी धूप के बीच फूलों का एक खूबसूरत संसार सजा है जहां अलग-अलग प्रजाति के लाखों फूल मौजूद हैं। फूलों से बनी आकृतियां दर्शकों को लुभा रही हैं। खास तौर से यहां अयोध्या की तर्ज पर बनाया गया राम मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र है। सब्जियों और फलों के भी स्टॉल लगे हैं। इसके अलावा कपड़ों से लेकर खानपान की वस्तुओं के भी स्टॉल लगाए गए हैं। 1774 प्रतिभागी यहां शामिल हुए हैं। इसी में नगर निगम द्वारा भी वेस्ट टू वंडर प्रोडक्ट बनाए गए। प्रदर्शनी में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट से जंगल के जानवर बनाए गए है। इसके साथ ही शहर मे निकलने वाले मलबे से ब्रिक्स, गमला, दीवार को नगर निगम के स्टॉल पर प्रेजेंट किया गया है। वहीं कूड़े से खाद, प्लास्टिक पैलेट्स प्रेजेंट कीये गए हैं। वहीं कान्हा उपवन में बने प्रोडक्टस को भी इस प्रदर्शनी में लगाया गया है।
गाड़ियों के वेस्ट से बनाए एनिमल वर्ल्ड
प्रदर्शनी में गिद्ध, चींटी, मकड़ी, उल्लू, घोंघा, छिपकली, मगरमच्छ, मेंढक, पेंगुइन, मैफलॉन, फील्ड छिपकली जैसे जीव जंतु बनाकर उसकी प्रदर्शनी राजभवन में लगाई गई है। राजभवन में इन सभी जानवरों को बड़े गार्डन में सजाया गया है। इन सभी जानवरों को वेस्ट लोहे और कबाड़ हो चुके वीकल के लोहे को रीसाइकिल करके बनाया गया है। नगर निगम आने वाले वक्त में शहर के सभी पार्कों में ऐसी ही रीसाइकिल ऑब्जेक्ट्स तैयार करके लगाए जाएंगे। जिससे शहर के पार्कों की रौनक और बढ़ेगी।
बाउंड्री वॉल और गमले बन रहे मलबे से
शहर मे निकलने वाले मलबे से ब्रिक्स, गमला, दीवार, टाइल्स और बाउन्ड्री वॉल बनाए जा रहे है। शहर से निकलने वाले सी एन डी वेस्ट से इसे नगर निगम बना रहा है। नगर निगम के सी एंड डी प्लांट में इन सभी प्रोडक्टस को तैयार किया जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति को इन प्रोडक्टस को सस्ती दरों पर खरीदना है तो वो मोहनलालगंज में स्थित नगर निगम के सी एंड डी वेस्ट प्लांट से संपर्क कर सकता है। साथ ही सी एन डी वेस्ट अगर आपके घर से निकल रहा है तो भी आप नगर निगम से संपर्क करके उठवा सकते हैं।
गीले कूड़े से बनाई जा रही खाद
गमलों और खेतों में डालने के लिए शिवरी प्लांट में कूड़ा निस्तारण करके उसकी खाद तैयार की जा रही है। इस खाद को लोग नगर निगम से खरीद भी सकते हैं। किचन वेस्ट से तैयार हो रही इस कम्पोस्ट को शिवरी प्लांट में तैयार किया जा रहा है। नगर निगम कचरे से जैविक खाद यानी कंपोस्ट तैयार करता है। यह खाद, शहर के कचरे से तैयार की जाती है। इसे बनाने के लिए गीला और सूखा कचरा इकट्ठा किया जाता है। इस खाद का इस्तेमाल खेती, बागवानी, और पौधों के लिए किया जाता है। कंपोस्ट से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है। कंपोस्ट पूरी तरह से केमिकल-फ़्री होती है और शहर की सफ़ाई में सुधार होता है। कंपोस्ट से कचरे का प्रभावी ढंग से निपटारा होता है।
अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने बताया कि कान्हा उपवन में संरक्षित भारतीय नस्ल के गोवंश के गोबर से दीयों को बनाया जाता है। इसके अलावा लखनऊ में गोबर से बने उत्पाद जैसे दीपक, श्रीगणेश व लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्ति के साथ ही हवन लकड़ी आदि को भी तैयार किया जाता है। गौ उत्पादों को कान्हा उपवन नगर निगम लखनऊ में संरक्षित निराश्रित गोवंश के गोबर और गौमूत्र से बनाया गया है जिसका उत्पादन एवम विपणन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। गौ उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय को कान्हा उपवन गौशाला में संरक्षित गोवंश के भरण पोषण में उपयोग होगा। गौ उत्पादों की दर गो दीपक पांच से 10 रुपये तक, गो मूर्तियां सौ से तीन सौ रुपये तक, नवग्रह हवन लकड़ी 50 से 200 रुपये तक वजन के अनुसार, गो नायल 50 से 250 रुपये तक वजन के अनुसार उपलब्ध हैं।
टिप्पणियां