आरबीआई ने 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 फीसदी पर रखा बरकरार
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में भी 6.50 फीसदी की विकास दर दर्ज की गई है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद इसका ऐएलान किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती, स्थिरता और अवसर की तस्वीर पेश कर रही है। मलहोत्रा ने कहा कि एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लिए अपने विकास दर के अनुमान को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है, जो हमारे पहले के पूर्वानुमान के अनुसार जारी रहेगी।
मल्होत्रा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता के बीच केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। चालू वित्त वर्ष 2025-2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की वृद्धि दर 6.50 फीसदी, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.7 फीसदी, तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2026) में 6.4 फीसदी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह अनुमान दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था हर तिमाही में मजबूत बनी रहेगी, हालांकि वित्त वर्ष के अंत में थोड़ी नरमी देखी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 0.50 फीसदी घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को चार फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है।
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