शिव की अमर कथा सुन कर श्रद्धालु हो गये भाव विभोर
औरंगाबाद के रामलीला मैदान में शिव अमर कथा के प्रसंग सुनाते ज्ञान सागर महाराज।
-स्वामी ज्ञान सागर को सुनने बडी संख्या में पहुंच रहे लोग
-औरंगाबाद स्थित रामलीला मैदान में चल रही है भगवान शिव की अमर कथा
मथुरा। औरंगाबाद के रामलीला मैदान में आयोजित भगवान शिव की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये। प्रवक्ता अहमदाबाद गुजरात से आये स्वामी ज्ञान सागर महाराज ने अमर कथा का प्रसंग सुनाया। स्वामी ज्ञान सागर महाराज के मुख से अमर कथा सुनने के लिए बडी संख्या में श्रद्धालु औरंगाबाद स्थित रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सती अमर कथा सुनते सुनते सोई नहीं थी बल्कि अमर कथा में खो गई थीं। जिस तोते की अंडे की बात सभी करते हैं उस गुफा में अंडा ही नहीं था।
वहां शिव शक्ति से सुखदेव जी का जन्म हुआ था। स्वामी ज्ञान सागर ने चारों युगों के बारे में भी श्रद्धालुओं के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि पहला युग सतयुग है जो ब्रह्माजी का युग है। दूसरा युग त्रेता युग है जो शिवजी का युग है। तीसरा द्वापर युग नारायण का युग है। चौथा युग कलयुग है, इस युग में कल्कि अवतार नहीं बल्कि महाशक्ति अवतार होगा। स्वामी ज्ञान सागर ने कथा में बताया कि एक बार नारद जी शिव स्थली कैलाश पर्वत आकर सती माता से कहने लगे कि शिव जी अमर हैं लेकिन उनके गले मंे पड़ी नर मुंड जिनको शिवजी हमेशा अपने हृदय से लगाये रहते हैं, आप से ज्यादा नरमुंडों से प्रेम करते हैं।
सती ने मन में ठान लिया कि शिव जी से नरमुंडों का रहस्य जानना ही होगा। सती ने शिव जी से कहा कि आप मुझसे अधिक नर मुंडों से प्रेम करते हैं। उनको हमेशा से लगाये रखते हैं, इस का रहस्य आपको बताना पडेगा। शिव जी बोले मेरे गले में जो नरमुंड हैं वह आपके ही नर मुंड हैं। आपने साधना कर के नौ अवतार लिये शैलपुत्री से लेकर महागौरी तक ये आपके ही स्वरूप हैं। आपका जो स्वरूप गिरता गया उसे लेकर मैं माला बना कर अपने हृदय से लगाये रखता गया। सती ने शिव जी के मुख से राज जानकर स्वं को धन्य जाना।
टिप्पणियां