अनुमंडलीय अस्पताल बना दलालों का अड्डा

 अनुमंडलीय अस्पताल बना दलालों का अड्डा

 अनुमंडलीय अस्पताल इन दिनों दलालों का अड्डा बना हुआ है। जहां कमीशन के चक्कर में आशाकर्मी से लेकर अस्पताल के सुरक्षाकर्मी बाहर दूर दराज क्षेत्र से ने वाले ग्रामीण मरीजों के परिजनों को बरगलाकर निजी अस्पताल की ओर उन्मुख कराते हैं। जिसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो चार मिनट तेरह सेकेंड का है।जिसमे मरीज के साथ बैठे परिजन के पास एक आशा कर्मी और सुरक्षा में तैनात गार्ड मरीज और उसके परिजन को निजी अस्पताल में जाने की नसीहत देते हैं।अस्पताल के बारे में आशा और सुरक्षा में तैनात जवान के द्वारा बताया जाता है कि यह सरकारी अस्पताल है और यहां इमर्जेंसी पेशेंट को में देखा जाता है।आपलोग बाहर में जाकर निजी अस्पताल में इलाज कराने चले जाइए।जिसके बाद आशा के रूप में काम करने वाली महिला इस बीमार महिला और उसके परिजन को अपने साथ लेकर जाने लगती है।जिसके बाद वीडियो बनाने वाला वह युवक सुरक्षा गार्ड और आशा से उलझ जाता है और सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में मरीज के ले जाने का विरोध करने लगता है जिसको लेकर वहां भीड़ जमा हो जाती है।

वायरल वीडियो के संदर्भ में अस्पताल के मैनेजर और उपाधीक्षक को फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। लेकिन वहीं मामले में सिविल सर्जन डॉ विधान चंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराएंगे और किसी तरह की लिखित शिकायत आने पर उपरोक्त आशाकर्मी और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल या अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के साथ दवाईयां मुफ्त दी जाती है और अस्पताल में सुदृढ़ व्यवस्था है।संवाददाता ने सिविल सर्जन को अस्पताल से नवजात शिशुओं को प्राइवेट अस्पताल में एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराने के नाम पर भी बरगलाने और निजी अस्पताल संचालक द्वारा मोटा कमीशन आशा को दिए जाने की जानकारी दी तो उन्होंने इसे भी दिखलाने की बात कही।

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