कैसे हमास ने महिला कैदियों का किया यौन शोषण

 कैसे हमास ने महिला कैदियों का किया यौन शोषण

यरुशलम: इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास  के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. गाजा पट्टी  में हमास  ने कई बच्चों और महिलाओं समेत इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. इस बीच एक इजरायली महिला ने हमास की कैद में बिताए अपने 55 दिनों के डरावने अनुभव शेयर किए हैं. अमित सौसाना पहली महिला बंधक हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से गाजा में अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न और हिंसा का खुलासा किया है. इस बीच इजरायली सेना ने बुधवार को कहा कि गाजा में हमास की कैद में इजरायली महिला के यौन उत्पीड़न के खुलासे के बाद वहां से बाकी बंधकों की रिहाई के लिए हमास पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की जरूरत है.

"इजरायल के साथ युद्धविराम वार्ता में है गहरा अंतर" - हमास अधिकारी ने कहा : सूत्र
बीते साल नवंबर में इजरायल और हमास के बीच एक हफ्ते का सीजफायर समझौता हुआ था. इसी दौरान कुछ इजरायली महिलाओं और बच्चों को हमास ने रिहा किया था. इनमें अमित सौसाना भी शामिल थीं. वह पेशे से वकील हैं. सौसाना ने अमेरिकी अखबार को बताया कि उसे गाजा बॉर्डर के पास केफर अजा से अगवा कर लिया गया था. उसे हमास-शासित क्षेत्र में ले जाया गया था, जहां उसका यौन उत्पीड़न किया गया. हमास के हमले में मारे गए लोगों की याद में इजरायल 7 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय स्मृति दिवस' के रूप में मनाएगा

‘जंजीर से बांधकर अकेले रखा'
सौसाना ने अपने मनोवैज्ञानिक और शारीरिक पीड़ा के बारे में बताया. सौसाना ने बताया कि कई दिनों तक कैद में रहने के बाद उसके गार्ड ने उसकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछना शुरू कर दिया. उसने कहा कि उसे एक बच्चे के बेडरूम में अकेले रखा गया था और उसके बाएं टखने में जंजीर बांध दी गई थी.  

गार्ड करता था यौन हिंसा
सौसाना के मुताबिक, "कभी-कभी गार्ड अंदर आता था, बिस्तर पर पास बैठता था. गलत तरीके से छूता था." सौसाना बताती हैं, "जब मैं अपने कपड़े उतारकर बाथटब में नहाने लगी, तो गार्ड वापस लौटा और पिस्तौल लेकर दरवाजे पर खड़ा हो गया. उसने मुझे बाथटब के किनारे पर बैठाया. मैंने अपने पैर बंद कर लिए. वह मुझे मुक्के मारता रहा. अपनी बंदूक मेरे चेहरे पर रख दी. फिर वह मुझे बेडरूम में खींच ले गया."

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सौसाना ने कहा कि 55 दिनों की कैद के दौरान उसे अंडरग्राउंड टनल और एक प्राइवेट होम में रखा गया था. इस दौरान उसे जब-तब मारा पीटा गया. बंदूक की नोक पर उसके साथ यौन हिंसा की गई. जंजीर से बांधे रखा गया. सौसाना ने यौन हिंसा करने वाले का जिक्र करते हुए कहा, "आप वहां उसके साथ हैं. आप जानते हैं कि जो हुआ वो बार-बार होगा. कभी भी होगा. क्योंकि आप पूरी तरह से उस पर निर्भर हैं."
इस महीने की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसमें संकेत दिया गया था कि रेप और गैंगरेप, यौन हिंसा के अपराध 7 अक्टूबर के हमास हमले के दौरान हुए. यूएन रिपोर्ट में कहा गया कि ‘स्पष्ट और ठोस' सबूत थे कि बंधकों के साथ बलात्कार किया गया था.

सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल ने कहा- हमास पर दबाव बनाने की जरूरत
सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बुधवार तड़के एक बयान में कहा कि कथित दुर्व्यवहार को रोकने के लिए और हमारे बंधकों को मुक्त करने के लिए हमास पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालने की जरूरत है." रूस और चीन ने सुरक्षा परिषद में गाजा में 'सीजफायर' को लेकर अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो किया.

इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने किया ट्वीट
इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "सौसाना ने उन सभी के लिए अपनी आवाज उठाई, जो बोल नहीं सकते. उसने हमास के घृणित यौन अपराधों और दुर्व्यवहार के सभी पीड़ितों की तरफ से बोला है. उसने सभी महिलाओं के लिए बोला है."

सौसाना 7 अक्टूबर के हमले के दौरान पकड़े गए लगभग 250 इजरायली और विदेशी बंधकों में से एक है. इजरायल का मानना ​​है कि गाजा पट्टी में हमास की कैद में अभी भी कम से कम 130 लोग हैं, इनमें 33 लोग शामिल हैं जिन्हें मृत मान लिया गया है. शेष बंदियों में कम से कम 14 महिलाएं हैं. हमास ने बंधकों के साथ यौन हिंसा से इनकार किया है.
UN में पास हुआ गाजा में सीजफायर का प्रस्ताव
इस बीच इजरायल-हमास जंग के बीच पहली बार गाजा में सीजफायर के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रस्ताव पारित हुआ है. रमजान के महीने में हुई इस बैठक के दौरान 15 में से 14 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की, जबकि अमेरिका ने वोटिंग ने से दूरी बनाई. गाजा में युद्धविराम के प्रस्ताव में बिना शर्त के सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की गई. साथ ही गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सभी बाधाओं को हटाने के लिए कहा गया है.

वैसे ये पहली बार है, जब अमेरिका ने सीजफायर के प्रस्ताव पर वोट नहीं डाला. इससे पहले 3 बार वो UNSC में इन प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है.

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