BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक: 270 आरोपियों की देर रात कोर्ट में पेशी, भेजे गए जेल

BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक: 270 आरोपियों की देर रात कोर्ट में पेशी, भेजे गए जेल

पटना: शनिवार देर रात तक पटना सिविल कोर्ट खुला रहा. TRE 3.0 के सॉल्वर गैंग और पकड़े गए लगभग 270 संदिग्धों को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया. हजारीबाग से पेपर लीक के संदिग्ध लाए गए थे, उन्हें पूछताछ के बाद रात के अंधेरे में पटना सिविल कोर्ट लाया गया. देर रात सभी की पेशी एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई. पेशी के बाद सभी को जेल भेज दिया गया. इस दौरान पटना सिविल कोर्ट परिसर में काफी संख्या में विशेष पुलिस बल के जवान मौजूद रहे.

270 संदिग्धों की पेशी के दौरान सिविल कोर्ट परिसर के बाहर पकड़े गए शिक्षक अभ्यर्थियों के परिजन भी काफी संख्या में मौजूद रहे. परिजन मीडिया से कोई भी बात बताने से बचते नजर आए और काफी परेशान दिखे. वहीं पटना सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ऋषिकेष नारायण सिन्हा ने बताया कि पेपर लीक से जुड़े मामले में लगभग 270 लोगों को एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया है. सभी को पेशी के बाद जेल भेजा जाएगा. पेपर लीक की सूचना पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने कार्रवाई करते हुए हजारीबाग में इन्हें गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पटना पुलिस आज सुबह इन्हें पटना लेकर आई है.

आर्थिक अपराधी इकाई की ओर से जानकारी दी गई है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण TRE-3.0 के लिए 15 मार्च 2024 को परीक्षा का अयोजन किया गया था. इस संबंध में 13 मार्च को आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना को कई सूत्रों से गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र एवं उत्तर मुहैया कराने के एवज में दस-दस लाख रूपये अभियुक्तों द्वारा लिया जा रहा है. इस संबंध में जांच के लिए ईओयू पटना ने 14 मार्च को एक विशेष टीम गठित किया गया.

गठित टीम द्वारा दिनांक 14 मार्च को छापामारी के क्रम में प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के एक सदस्य को पटना स्थित करबिगहिया क्षेत्र से शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के साथ पकड़ा गया. जिसके पास से बहुत सारे अभिलेख जब्त किये गये. गिरफ्तार किये गये अभ्यर्थियों को पूछ-ताछ हेतु आर्थिक अपराध इकाई लाया गया. पूछ-ताछ के दौरान उनलोगों के द्वारा गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में बताया कि उनके द्वारा सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियो को कई स्कॉर्पियो गाड़ी और बस से लीक प्रश्न पत्र का उत्तर याद करवाने/रटवाने के लिए झारखंड ले जाया गया है.

उक्त सूचना के आलोक में गठित विशेष टीम के द्वारा 15 मार्च को सुबह 5:00 बजे झारखण्ड पुलिस की सहायता से हजारीबाग स्थित कुर्रा, पदमा एवं बरही स्थित होटल (कोहिनूर होटल) एवं मैरेज हॉल में छापामारी की गई. जहां पर लीक प्रश्न पत्र का उत्तर रटवाने हेतु सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी एकत्रित हुए थे. उनमें से लगभग 270 अभ्यर्थियों को एवं संगठित गिरोह के सदस्यों से परीक्षा के संबंध में पूछताछ की गई. यहां पाया गया कि तृतीय चरण के प्रश्न पत्र पेन ड्राईव में 14 मार्च को ही प्राप्त करा दिये गये थे, जिसे उनलोगों के द्वारा प्रिंट निकाल कर अभ्यर्थियों को अलग-अलग समुहों में उत्तर याद करवाने हेतु उपलब्ध कराया गया था.

छापेमारी के क्रम में गिरोह के सदस्यों के पास से शिक्षक भर्ती के तृतीय चरण के परीक्षा से संबंधित विभिन्न प्रश्न पत्र प्राप्त हुये, जिसको विधिवत जप्त कर जप्ती सूची बनायी गई है. छापामारी और प्रारम्भिक पूछताछ के बाद उक्त प्रश्न पत्र को परीक्षा उपरांत बीपीएससी के कार्यालय से प्राप्त प्रश्न पत्र की प्रति से मिलान किये जाने पर हु-ब-हु सही पाया गया. इससे प्रमाणित होता है कि परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से 1 दिन पूर्व ही उपरोक्त गिरोह के सदस्यों के पास आ गया था.

गिरोह के सदस्यों एवं उनके मेल में आये अभ्यर्थियों के पास से शिक्षक भर्ती परीक्षा से संबंधित विभिन्न परीक्षा केन्द्रों से जुड़े विभिन्न पालियों के प्रवेश पत्र, अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र, ब्लैंक चेक, 50000/- (पचास हजार) रूपये का, लगभग 50 (पचास) मोबाईल, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राईव आदि भी पटना और हजारीबाग से बरामद किया गया है. ईओयू ने बताया है कि अभी तक के अनुसंधान से यह तथ्य प्रकाश में आया है कि संगठित गिरोह के मेल में आकर अभ्यार्थी लाभांवित होकर गैर कानूनी तरीके से परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहते थे.

साथ ही यह तथ्य भी प्रकाश में आयी है कि अभ्यार्थियों से प्रति अभ्यर्थी दस लाख रूपये लेकर उन्हें परीक्षा पूर्व प्रश्न पत्र उत्तर सहित उपलब्ध कराया गया, जिसका अभिलेखीय साक्ष्य पाया गया है. इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना थाना काण्ड संख्या-06/24, दिनांक 16.03.2024,धारा-420/467/468/471/120(ठ) भा०द०वि० और 3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 तथा 66 आई0टी0 एक्ट-2000 दर्ज कर अग्रतर अनुसंधान एवं विधि सम्मत कार्रवाई किया जा रहा है.

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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