कबीरदास पर आधारित गीतों से सजी लोक चौपाल
लखनऊ। कबीर जयंती की पूर्व संध्या पर कहत कबीर सुनो भाई साधो नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम में कबीर को याद किया गया। कबीर की प्रासंगिकता पर चर्चा के साथ ही उनकी रचनाओं पर केन्द्रित गायन व नृत्य प्रस्तुतियां सराही गयीं। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा प्रियदर्शिनी कालोनी स्थित विधायक कार्यालय परिसर में आयोजित लोक चौपाल की अध्यक्षता चौपाल चौधरी विमल पन्त ने की। गुप्ता ने कबीर भजन जपो रे मन सत्य नाम सुखदायी से किया।
वरिष्ठ लोक गायिका विमल पन्त ने कबीर को निराकार ब्रह्म का उपासक बताते हुए कहा कि उन्होंने धर्म, जाति, और सम्प्रदाय के बंधन से परे मानव प्रेम और एकता का संदेश दिया जो प्रासंगिक है। श्रीमती पन्त ने कहत कबीर सुनो भाई साधो सुनाया।
-
सरिता अग्रवाल ने कबीर निर्गुन हमका ओढ़ावे चलती बेरिया, वीणा सक्सेना ने मन लागा यार फकीरी में, देवाश्री पंवार ने चदरिया झीनी रे झीनी सुनाया। निवेदिता भट्टाचार्य के निर्देशन में कौन ठगवा नगरिया लूटल हो, चल गोरी आपन चुनरिया बचाइके, चुनरी के रंग बड़ा सांचा हो पर सौम्या गोयल, प्रवीन गौर, शिशिर मुखर्जी, मिहीका व अविका गांगुली, अव्युक्ता, नव्यता त्रिपाठी, अरित्रिका त्रिपाठी और यतिका सिंह ने गायन व नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
टिप्पणियां