एसएसपी ने आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप में दरोगा को किया निलंबित 

एसएसपी ने आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप में दरोगा को किया निलंबित 

मुरादाबाद। मुरादाबाद के छजलैट क्षेत्र में गोकशी विहिप बजरंग दल के जिला प्रमुख मोनू विश्नोई उर्फ सुमित ने थानाध्यक्ष को हटवाने के लिए कराई थी। इसके बाद ही उसने लोगों को भड़काकर थाने और तहसील पर प्रदर्शन कराया था। पुलिस ने इस मामले में मोनू विश्नोई समेत चार को गिरफ्तार कर चौंकाने वाला खुलासा किया है।गिरफ्तार आरोपियों में विहिप बजरंग दल का छजलैट ग्रामीण प्रखंड अध्यक्ष राजीव चौधरी और कार्यकर्ता रमन चौधरी शामिल है। एसएसपी ने आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप में दरोगा नरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया।

एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि छजलैट थाना क्षेत्र के समदपुर गांव के कांवड़ पथ पर 16 जनवरी को गोवंशीय पशु के अवशेष मिले थे। इसके बाद 28 जनवरी की रात चेतरामपुर गांव के जंगल में गोकुशी की घटना हुई थी। इस घटना का लाइव वीडियो बनाकर एक्स पर अपलोड किया गया था। इसे पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों, डीजीपी और मुख्यमंत्री को टैग किया गया था। 

एसपी देहात संदीप कुमार मीना के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने इस संवेदनशील मामले की जांच की। तब पुलिस ने चेतरामपुर गांव निवासी शहाबुद्दीन को गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में बताया कि उससे कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुज्जर गांव निवासी सुमित विश्नोई उर्फ मोनू अपने साथी रमन चौधरी निवासी खानपुर मुजफ्फरपुर थाना छजलैट, राजीव चौधरी निवासी चक पचोकरा थाना छजलैट के साथ मिला था।

तीनों ने कहा कि छजलैट थाना प्रभारी उनकी बात नहीं मानते हैं:-
ऐसे में उन्हें हटाने के लिए गोकुशी की घटनाएं करनी हैं। आरोपियों ने से बातचीत के बाद दो हजार रुपये भी दिए थे। इसके बाद शहाबुद्दीन ने अपने साथी नईम निवासी सिकरी थाना छजलैट को वही रुपये देकर कांवर पथ पर गोवंशीय पशु के अवशेष कांवड़ पथ पर रखवा दिए थे। इस घटना के बाद से ही मोनू विश्नोई, राजीव चौधरी ने अपने साथियों के साथ मिलकर छजलैट थानेदार को हटाने के लिए थाने और फिर कांठ तहसील में विरोध प्रदर्शन किया था। 

इस प्रदर्शन के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर आरोपियों ने दोबारा से साजिश रची थी। इसके बाद 28 जनवरी की रात शहाबुद्दीन ने अपने दूसरे साथी जमशेद के साथ मिलकर चेतरामपुर गांव निवासी कमला देवी के घर के बाहर बंधी गाय को चोरी कर लिया था। इसके बाद जंगल में जाकर पशु को काट दिया। इस दौरान मोनू, राजीव चौधरी व रमन चौधरी ने कटे हुए पशु का वीडियो बना लिया। इसके बाद उसे एक्स पर पोस्ट कर दिया था। एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि घटना में शामिल दो आरोपी जमशेद और नईम फरार हैं।

पशु न मिलने पर थानाध्यक्ष और मोनू में बढ़ा था विवाद:-
एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि छजलैट थाना अध्यक्ष सतेंद्र कुमार शर्मा ने कुछ दिन पहले 32 पशु पकड़े थे। ये पशु शामली से लखनऊ जा रहे थे। तब मोनू विश्नोई और उनके साथियों ने थाना अध्यक्ष पर दबाव बनाया था कि वह पशु उनके परिचितों को दें लेकिन थाना अध्यक्ष ने पशु नहीं दिए थे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनातनी हो गई थी। इसके बाद से ही मोनू विश्नोई ने थाना अध्यक्ष को हटवाने क लिए साजिश रचनी शुरू कर दी थी।

आरोपियों को संरक्षण देने में दरोगा निलंबित:-
एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि इस मामले में छजलैट थाने में तैनात दरोगा नरेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है। जांच में सामने आया कि दरोगा ने आरोपियों को संरक्षण दिया था। थाने की गोपनीय जानकारी भी आरोपियों तक पहुंचाई थी। दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।

घटना स्थल पर मिले फोटो और मोबाइल नंबर से गहराया शक:-
घटनास्थल पर पुलिस को मकसूद नाम के एक युवक का फोटो, उसका मोबाइल नंबर और एक नई लोवर मिली थी। पुलिस ने मकसूद से पूछताछ की तो पता चला कि अगर मैंने गोकशी की होती तो अपना फोटो और मोबाइल नंबर क्यों छोड़कर आता। यहां से पुलिस का शक गहराया गया। मकसूद ने दोबारा पूछताछ की, तब उसने बताया कि शाहबुद्दीन नाम के युवक से उसका विवाद चल रहा है। 

उसने ही मुझे फंसाने के लिए ऐसा क्या होगा।इसके बाद पुलिस ने शाहबुद्दीन को पकड़कर पूछताछ की। इसके बाद कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई। शाहबुद्दीन के बाद पुलिस ने मोनू विश्नोई, राजीव चौधरी और रमन चौधरी से पूछताछ की। जिसमें मोनू विश्नोई ने खुद को विहिप बजरंग दल का जिला प्रमुख, राजीव ने छजलैट ग्रामीण प्रखंड का अध्यक्ष और रमन कार्यकर्ता बताया है। पुलिस ने चारों के डिजिटल बयान भी दर्ज किए गए हैं। ताकी आरोपी अपने बयानों से मुकर न जाएं।

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