नवंबर 2024 में बन गया था ईरान पर हमले का खाका: नेतन्याहू

नवंबर 2024 में बन गया था ईरान पर हमले का खाका: नेतन्याहू

नई दिल्ली। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की योजना और सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि ईरान के खिलाफ चलाया गया सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन की मंजूरी छह महीने पहले नवंबर 2024 में दी गई थी। यह अभियान पहले अप्रैल 2025 में शुरू किया जाना था, लेकिन कुछ कारणों से इसे आगे बढ़ा दिया गया।
 
मामले में नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में बताया कि इस हमले का मकसद ईरान के नाभिकीय हथियारों के कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करना था। उन्होंने कहा कि ईरान ने अपने यूरेनियम समृद्धिकरण को एक ऐसे स्तर तक पहुंचा दिया है कि वह नौ परमाणु बम बना सकता है, जो कि आने वाले समय में इस्राइल के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
 
छह महीने पहले दिया गया था हमले का आदेश
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि मैंने छह महीने पहले रक्षा विभाग को आदेश दिया था कि वे ईरान के नाभिकीय कार्यक्रम को समाप्त करें। हालांकि, यह हमला उस तय तारीख पर नहीं हो पाया और इसकी नई तारीख इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) और अन्य अधिकारियों की सलाह से तय की गई।
 
पहले से तैयार था हमले का खाका
उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला अचानक नहीं किया गया, बल्कि ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने की संभावना को देखते हुए यह जरूरी था। नेतन्याहू ने साफ कहा कि अगर ईरान के पास परमाणु हथियार हो जाते, तो हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाता।
 
वहीं कुछ आलोचकों ने इस हमले को इस्राइल सरकार की आंतरिक समस्याओं और गाजा में बंधकों को छुड़ाने में असफलता से ध्यान भटकाने का जरिया बताया है। इसपर पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद इस्राइल ने समझा था कि ईरान अपना नाभिकीय कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ाएगा और ऐसा हुआ भी।
 
ईरान की हरकतों से नेतन्याहू की नाराजगी
अपने वीडियो संदेश में पीएम नेतन्याहू ने आगे कहा कि हाल के महीनों में ईरान ने पहले कभी नहीं किए गए कदम उठाए हैं, जैसे कि समृद्ध यूरेनियम को हथियार बनाने की तैयारी करना। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसे रोक नहीं पाया गया, तो ईरान बहुत जल्द परमाणु हथियार बना सकता है, संभवत: एक साल या उससे भी कम समय में। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से कहा कि वे इस सफलता पर बहुत उत्साहित न हों और संयम बनाए रखें क्योंकि ईरान से जवाबी कार्रवाई हो सकती है, जिसके लिए इस्राइल को कीमत चुकानी पड़ सकती है।
 
अमेरिकी समर्थन को लेकर भी की बातें
इसके साथ ही नेतन्याहू ने अमेरिकी समर्थन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस हमले में सीधे समर्थन नहीं दिया क्योंकि वह ईरान के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका भविष्य में इस्राइल का समर्थन करेगा, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनने देने दिया जाएगा।
 

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