ईरान में हुए हमले से क्यों आहत हो रहे गौतम अडानी, समझिए कहानी
By Tarunmitra
On
नई दिल्ली। इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया और इरान ने जवाबी कार्यवाही में मिसाइल से। इसे दोनों देशों के बीच लंबे संघर्ष की शुरुआत माना जा रहा है। इससे मध्य पूर्व में अडानी के अरबों डॉलर के निवेश को खतरा पैदा हो गया है। भारत और एशिया के दूसरे बड़े रईसों ने गौतम अडानी की अगुवाई वाले ग्रुप ने इजरायल में 1 अरब डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है।
निवेशकों में डर का माहौल
अडानी ग्रुप ने इजरायल में हाइफा पोर्ट जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाह और रक्षा क्षेत्र में भी निवेश किया है। लड़ाई से निवेशकों में डर का माहौल है। इसका असर गुरुवार और शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी देखने को मिला। दोनों दिन गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर 3 प्रतिशत तक नीचे आ गए।
इजरायल में कहां-कहां लगा अडानी का पैसा
Gautam Adani इजरायल के टॉवर सेमिकंडक्टर कारोबार में भी 10 अरब डॉलर का निवेश करना चाहते थे। Haifa बंदरगाह में अडानी पोर्ट्स का 70 फीसद स्टेक है। 2023 में कंपनी ने इजरायल के गडोट ग्रुप के साथ साझेदारी में 1.2 अरब डॉलर में पोर्ट का अधिग्रहण किया था। इजरायल के आयात और निर्यात की दृष्टि से पोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। यह उत्तरी इजरायल में पड़ता है, जो लड़ाई वाली जगह से दूर पड़ता है। अडानी पोर्ट के सालाना कारगो वाल्यूम में हायफा पोर्ट का योगदान 3 फीसद है। यह कंपनी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एसेट है।
रक्षा और हथियारों की मैन्युफैक्चरिंग
2018 में अडानी एंटरप्राइजेज ने इजरायल के एल्बिट सिस्टमस के साथ संयुक्त उद्यम में प्रवेश किया था और अडानी एल्बिट एडवांस सिस्टम्स इंडिया बनाई थी। यह उद्यम सेना के लिए ड्रोन बनाता है, जिनमें Hermes 900 यूएवी का इस्तेमाल इजरायल डिफेंस सिस्टम में किया जा रहा है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भारत में है और यह इकलौती यूनिट है जो इजरायल से बाहर है। एल्बिट ही इजरायल डिफेंस फोर्सेज के लिए 85 फीसदी ड्रोन बनाती है।
कई और कारोबार में शामिल
अडानी ग्रुप इजरायल में कुछ और धंधों में पैसा लगाए हुए है। इनमें कमर्शियल सेमीकंडक्टर और दूसरे डिफेंस आधारित गठजोड़ शामिल हैं। हालांकि समूह ने 10 अरब डॉलर को निवेश के समझौते को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
Related Posts
अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें
Latest News
14 Jun 2025 19:29:31
-28 लोगों ने दर्ज करा दी 2114 शिकायतें -दबाव बनाकर पैसा ऐंठने का लगा था आरोप
टिप्पणियां