ओलावृष्टि से फसल नुकसान, किसानों ने की कर्जमाफी की मांग

ओलावृष्टि से फसल नुकसान, किसानों ने की कर्जमाफी की मांग

धमतरी। ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से डुबान व वनांचल के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बर्फबारी से उनके रबी धान व दलहन-तिलहन फसल पूरी तरह से खराब हो चुका है। वहीं वनोपज तेंदूपत्ता, तेंदू फल, महुआ समेत अन्य नुकसान पहुंचा है। प्रभावित किसानों ने सर्वे करके सहायता राशि दिलाने व कर्जमाफी की गुहार शासन-प्रशासन से लगाई थी, लेकिन अब तक नहीं मिला है। कर्जमाफी भी नहीं हुआ है, इससे किसानों में आक्रोश है। कांग्रेस नेता आनंद पवार, युंका नेता गौतम वाधवानी की अगुवाई में वनांचल व डुबान क्षेत्र के किसान जोहर राम कुंजाम, खेमलाल तुलसी, दुर्गा प्रसाद तारम, हेमराम गावड़े, रामकिशुन तारम, कृष्णा राम, लीलाराम, मनीराम, राधेलाल, अनिल कुमार, चिंताराम मंडावी, यादराम, मनराखन यादव, परमेश्वर साहू समेत अन्य किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर नम्रता गांधी से मिलकर डुबान क्षेत्र के ग्राम चिखली, माटेगहन के किसानों ने बताया कि बीते 19 मार्च को हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल तबाह हो गई। भारी ओलावृष्टि से फसल को 70 से 80 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है। किसानों को रबी धान व दलहन-तिलहन फसल के उत्पादन से आर्थिक स्थिति मजबूत होने की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि उनके लिए आफत बनकर आई। ऐसे में किसानों के समक्ष जीविकोपार्जन की समस्या है। अब प्रभावित किसानों को बैंकों के कर्ज पटाने की चिंता सता रही है। किसानों ने कलेक्टर से कृषि कर्ज माफ कर फसल क्षतिपूर्ति देने की गुहार लगाई। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। युवा नेता आनंद पवार ने कहा कि बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश ने माड़मसिल्ली बांध से लेकर गंगरेल बांध के अंतिम डुबान गांवों के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ग्राम हितली, फुडहरधाप में तो आधा से एक किलो वजनी ओलावृष्टि हुई। खेत में फसल पूरी तरह बर्फ की चादर से पट गया था। माटेगहन, चिखली क्षेत्र में तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। उन्होंने राज्य सरकार से किसानों को मुआवजा प्रदान कर उनके कर्जमाफी करने की मांग की है। मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी शासन-प्रशासन को दिए है।


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