बिलग्राम तहसील में हरियाली का सपना चूर-चूर मां के नाम पर लगाए पौधे भी नहीं बचे

तहसील प्रशासन ने पर्यावरण दिवस पर लगाये गए पौधों के प्रति नही निभाई जिम्मेदारी

बिलग्राम तहसील में हरियाली का सपना चूर-चूर मां के नाम पर लगाए पौधे भी नहीं बचे

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बिलग्राम हरदोई। बिलग्राम तहसील, जो पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करती थी, आज अपनी लापरवाही के कारण चर्चा में है। पिछले साल तहसील परिसर में मां के नाम पर सैकड़ों पौधे लगाए गए थे, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता ने इन सभी पौधों को सूखने पर मजबूर कर दिया। न तो समय पर पानी दिया गया और न ही इनकी देखभाल की गई, जिसके चलते हरियाली का सपना धरा का धरा रह गया।स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील प्रशासन पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भूल चुका है। दूसरों को पेड़ लगाने की नसीहत देने वाले अधिकारी खुद इस मामले में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए हैं। जब इस बाबत तहसीलदार बिलग्राम अमित कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। यह लापरवाही न केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है, बल्कि उन भावनाओं का भी अपमान है, जो मां के नाम पर पौधे लगाने के पीछे थीं।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों को मात्र दिखावा न बनाया जाए और पौधों की देखभाल के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। क्या बिलग्राम तहसील अब अपनी गलतियों से सबक लेगी, या हरियाली का यह सपना यूं ही मिट्टी में मिलता रहेगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।
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