अमेरिका से निर्वासित किए गए 37 नेपाली नागरिकों को चार्टर्ड विमान से काठमांडू लाया गया

अमेरिका से निर्वासित किए गए 37 नेपाली नागरिकों को चार्टर्ड विमान से काठमांडू लाया गया

काठमांडू। अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे 37 नेपाली नागरिकों को रविवार की देर शाम को एक विशेष चार्टर्ड विमान से निर्वासित किए जाने के बाद त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया। काठमांडू पहुंचने पर निर्वासितों को तुरंत नेपाली आप्रवासन अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों द्वारा पूछताछ करके उन्हें अपने गंतव्य तक जाने दिया गया।

नेपाल के आप्रवासन विभाग के अनुसार, निर्वासित लोगों में वे व्यक्ति शामिल हैं जो या तो अपने वीजा से अधिक समय तक रहे थे, या अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे, या अपनी आप्रवासन स्थिति को नियमित करने में विफल रहे थे।

निर्वासित लोगों से पूछताछ के बाद आप्रवासन अधिकारियों ने बताया कि कुछ को कथित तौर पर "त्वरित निष्कासन" प्रक्रियाओं के तहत भी हिरासत में लिया गया था। यह एक ऐसी नीति है जो अमेरिकी अधिकारियों को पूर्ण अदालत की सुनवाई के बिना भी अनिर्दिष्ट प्रवासियों को निर्वासित करने की अनुमति देती है यदि वे दो साल से कम समय से अवैध रूप से देश में हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के आने के बाद नए सिरे से आव्रजन प्रवर्तन नीतियों के तहत अन्य देशों की तरह ही नेपाली नागरिकों का निर्वासन बढ़ गया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अब तक 150 नेपालियों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है जो पूरे 2024 में निर्वासित की गई संख्या से दोगुने से अधिक है। यहां तक कि जिन लोगों ने पहले अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) के तहत शरण लिया था उन्हें भी निर्वासित होने के लिए कह दिया गया है।

ट्रम्प प्रशासन ने अभी कुछ दिन पहले ही औपचारिक रूप से नेपाली नागरिकों के लिए टीपीएस को समाप्त कर दिया - एक ऐसी नीति जिसने एक बार 2015 के भूकंप के बाद अमेरिका में रहने वाले लगभग 7,000 नेपालियों को निर्वासित होना पड़ेगा।

रविवार की चार्टर्ड निर्वासन उड़ान में, लौटाए गए लोगों में से सभी ऐसे नागरिक शामिल हैं जो मानव तस्करी के जरिए मोटी रकम देकर अनियमित और खतरनाक मार्गों का उपयोग करके अमेरिका में प्रवेश किया था।

नेपाल के मानव तस्करी रोधी ब्यूरो के अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या समूह में से कोई तस्करी नेटवर्क या श्रम शोषण का शिकार हुआ था।

प्रारंभिक पूछताछ से पता चलता है कि निर्वासितों में से कुछ ने नेपाली करेंसी में 40 लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये तक खर्च किया था। अमेरिका तक पहुंचने के लिए पहले ब्राजील, कोलंबिया और मैक्सिको जैसे देशों के माध्यम से खतरनाक यात्रा कर अमेरिकी सीमा तक पहुंचे थे।

अधिकारियों ने कहा कि सभी 37 व्यक्तियों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलने से पहले स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। उन्होंने बताया की ऐसे मामलों में जहां आपराधिक गतिविधि या मानव तस्करी का संदेह है, आगे की जांच शुरू की जाएगी।

 

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