किसान भाइयों को आर्मीवर्म कीट के प्रकोप से बचाव के उपाय बताएं गए
संत कबीर नगर ,10 अप्रैल 2024 (सू0वि0)*। जिला कृषि रक्षा अधिकारी शशांक ने बताया है कि फाल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप विगत वर्षों में प्रदेश में बढ़ रहा है जिससे बचाव हेतु कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता फैलाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि फाल आर्मीवर्म के संभावित प्रकोप को ध्यान में रखते आईपीएम पद्धति के अनुसार किट के प्रबंधन हेतु 10 प्रतिशत गोभ क्षति की अवस्था में और परजीवी जैसे ट्राईकोग्रामा प्रेटीऑसम अथवा टेलेनोमस रेमस के 50000 अंडे प्रति हेक्टेयर की दर से, सायंकाल 3 से 4 की संख्या में प्रकाश प्रपंच एवं 8 से 10 की संख्या में बर्ड पर्चर प्रति एकड़, 35-40 फेरोमोन टैप प्रति हेक्टेयर, एन०पी०वी० 250 एल०ई० अथवा मेटाराईजीएम एनिसोपली 5 ग्राम प्रति लीटर पानी (2.5 किग्रा हे०) अथवा बी०टी० 2 ग्राम प्रति लीटर पानी (1 किग्रा प्रति हे०) अथवा ब्युवेरिया बेसियाना 2.5 किग्रा प्रति हे० कि दर से, नीम आयल 5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से कीटों की संख्या में नियंत्रण किया जा सकता है। यदि 10-20 प्रतिशत क्षति हो तो रासायनिक नियंत्रण हेतु क्लोरेन्ट्रानीलीप्रोल 18.5 प्रतिशत एस०सी० 0.4 प्रति लीटर पानी अथवा इमामेक्टिन बेंजोएट 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी में (200 मिली प्रति हे०) अधवा थायोमेथाकसोम 2.6 प्रति०$ लैमब्डा साईहेलोथरीन 9.5 प्रति० की मिली मात्रा प्रति लीटर पानी (250 मिली प्रति हे०) की दर से घोलकर छिड़काव किया जा सकता है। उक्त के क्रम में आपको निर्देशित किया है कि जनपद के विकास खण्डों में ग्रामवार कीट/रोग सर्वेक्षण कार्य करते हुए कीट के प्रकोप से होने वाले नुकसान व बचाव के बारे में जानकारी देते हुए जनमानस को जागरूक करें। कृषको के मध्य इस कीट की पहचान के साथ उन्हें इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर जनपद में संचालित सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (PCSRS) के व्हाट्सएप नम्बरों 9452247111 एवं 9452245711 पर फ़ोटो भेजते हुए समाधान प्राप्त करने हेतु अवगत कराए।