संस्कृत भाषा भारत के भविष्य के लिए आवश्यक
By Harshit
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लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा दृष्टि एवं सृष्टि विषय पर संगोष्ठी हुई। संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये प्रतिभागियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये।
मुख्य वक्ता केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि संस्कृत भाषा भारत के भविष्य के लिए आवश्यक है क्योंकि भारत संस्कृति एवं सभ्यता पर आधारित एक अखंड राष्ट्र है। इसीलिए नये एवं विकसित भारत की संकल्पना के साथ संस्कृत भाषा का वर्चस्व भी जुड़ा है। जगतगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पाण्डेय ने कहा कि संस्कृत वह भाषा है, जिसके बगैर भारतीय भाषाओं का इतिहास लिखा ही नहीं जा सकता।
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