नेपाल बाॅर्डर पर बस का संचालन बंद होने से आने-जाने में परेशानी
सिद्धार्थनगर। जिले से सटे नेपाल बॉर्डर के ककरहवा, अलीगढ़वा, खुनुवां व ठोठरी बॉर्डर पर बस नहीं चलने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। नेपाल बाॅर्डर पर बस का संचालन बंद होने से नेपाली व भारतीय नागरिकों को आने-जाने में परेशानी होती है। जबकि ककरहवा बाॅर्डर व अलीगढ़वा बाॅर्डर से नेपाल के लुंबिनी व जिले के बौद्ध क्षेत्रों में लोगों को घूमने के लिए प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ता है।
मुख्यालय से चारों बाॅर्डर की दूरी लगभग समान है, लेकिन सरकारी बसों के नहीं चलने से लोग निजी वाहनों से यात्रा करने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें किराया भी अधिक देना पड़ता है, जबकि सभी बसों को परिवहन विभाग ने सवारी नहीं मिलने का हवाला देते हुए बंद कर दिया था। बस का संचालन बंद होने से पर्यटन को भी बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। रोडवेज बस नहीं चलने से लोगाें को बार-बार वाहन बदलना पड़ता है, और कम दूरी के लिए अधिक किराए के साथ समय भी ज्यादा देना पड़ता है। लोगों का मुख्यालय आने में पूरा दिन बीत जाता है।
मुख्यालय से ठाेठरी बॉर्डर की दूरी लगभग 28 किमी है। कोरोना काल से पहले ठोठरी से वाराणसी व मुख्यालय के लिए बस का संचालन किया जाता था, लेकिन कोरोना काल के बाद सवारी नहीं मिलने का हवाला देते हुए बस को बंद कर दिया गया, जिससे ठोठरी से मुख्यालय आने के लिए तीन जगहों पर ऑटो बदलना पड़ता है, जिससे 100 रुपया से अधिक किराया देना पड़ता है।
ककरहवा से मुख्यालय की दूरी लगभग 24 किमी है। ककरहवा बाॅर्डर से प्रतिदिन 100 से अधिक यात्री नेपाल के लुंबिनी में टहलने के लिए जाते हैं, लेकिन बस का संचालन नहीं होने से दो जगहों पर गाड़ी बदलनी पड़ती है, और वाहन नहीं मिलने से लोगों को लुंबिनी जाने के लिए प्राइवेट गाड़ी बुक करके जाना पड़ता है, और किराया भी अधिक लगता है।
अलीगढ़वा से मुख्यालय की दूरी लगभग 20 किमी है। अलीगढ़वा में दो स्तूप व विश्वविद्यालय भी है, लेकिन बस का संचालन नहीं होने से प्रतिदिन यात्रा करने वाले लोगों को परेशानी होती है, जबकि स्तूप पर घूमने जाने वाले व विश्वविद्यालय के छात्रों को भी यात्रा करने में दो गुना किराया देना पड़ता है। बस का संचालन नहीं होने से कपिलवस्तु में बनी स्तूप पर पर्यटक को आने में कठिनाई होती है।
मुख्यालय से खुनुंवा बाॅर्डर की दूरी लगभग 30 किमी है, और बड़ा बाॅर्डर होने से लगभग प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग यात्रा करते है। बस्ती डिपो से खुनुवां बाॅर्डर पर एक बस का संचालन होता है, लेकिन मुख्यालय को नहीं जुड़ने से लोगों को आने में परेशानी होती है। बस का संचालन नहीं होने से लोगों को पांच जगहों पर ऑटो बदलना पड़ता है। दो सौ से अधिक किराया देना पड़ता है।अभी हम नए आए हैं। सभी रूटों पर किस कारण से बस का संचालन बंद किया गया था। हमको जानकारी नहीं है। सभी रूटों पर जल्द ही बसों का संचालन शुरु किया जाएगा।
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