हर्षोल्लास के साथ मनाई गई बुद्ध जयंती

हर्षोल्लास के साथ मनाई गई बुद्ध जयंती

महराजगंज/रायबरेली।  महावीर स्टडी इस्टेट स्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज मे गुरुवार को बच्चों एवं अध्यापकों ने महात्मा बुद्ध की जयंती बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाई गई ।सर्वप्रथम महात्मा बुद्ध के प्रतिमा पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अध्यापकों एवं बच्चों ने किया। प्रधानाचार्य कमल वाजपेई ने बताया कि संसार में अहिंसा तथा शांति का वातावरण स्थापित करने हेतु महापुरुषों ने अंधविश्वास पाखंड धर्म और रूढ़ियों में फंसे समाज में परस्पर प्रेम सहानुभूति द्वारा मुक्ति दिलाने में अपना सर्वस्व लगा दिया समाज को नई दिशा दी तथा सभी ने स्वीकार किया कि शेष आचरण ही सच्चा धर्म है।
 
बच्चों ने महात्मा बुद्ध के जीवन परिचय को बताते हुए बताया कि 569 ईसा पूर्व कपिलवस्तु के क्षत्रिय महाराज सुद्धोधन माता महामाया के यहां राजभवन लौटते समय लुंबिनी नामक वन में बच्चे का जन्म हुआ नाम सिद्धार्थ रखा गया माता का देहांत जल्दी होने पर विमाता प्रजावति के द्वारा लालन पालन हुआ सिद्धार्थ एकांत प्रेमी थे उनका मन संसार से विरक्त होने लगा इनका विवाह यशोधरा से कराया गया उनके पुत्र का नाम राहुल रखा गया सांसारिक वृत्त के कारण एक रात सभी को सोते छोड़कर संन्यास के मार्ग पर चल पड़े गया में वट वृक्ष के नीचे तपस्या किया ।
 
वही इन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ अतः बुद्ध कहलाए आपने चीन जापान तिब्बत नेपाल जावा सुमात्रा आदि स्थान पर अपने धर्म का प्रचार किया जहां पर आपके अनुयायियों की बड़ी संख्या है आपने अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत पर चलकर समाज को एक नई दिशा दी तथा भेद-भाव को मिटाने को कहा कि श्रेष्ठ आचरण ही सच्चा धर्म है ।भगवान बुद्ध जी ने दुख से मुक्ति के आठ उपाय को अष्टांगिक मार्ग कहा है जिसमें सम्यक दृष्टि सम्यक संकल्प सम्यक वाणी सम्यक कल्याण सम्यक आजीविका सम्यक व्यायाम सम्यक् स्मृति तथा सम्यक समाधि के द्वारा प्रदानुकूल आचरण अपनाकर अपना तथा समाज का कल्याण कर सकते हैं प्रधानाचार्य ने बच्चों से बुद्ध के दिखाएं मार्ग पर चलकर समाज को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित किया।
 

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