मासूम की मौत के बाद भी नहीं पसीेजा जलकल विभाग!
जानकीपुरम के मेनहोल में गिर गया था बच्चा, हो गई थी मौत
- नगर आयुक्त ने त्वरित संज्ञान लेते हुए सभी मेनहोलों को कवर करने के दिये थे आदेश
- जीएम जलकल ने बंद किया फोन, अधिशाषी अभियंता को कर दिया सवाल-जवाब को आगे
- महापौर मीटिंग में व्यस्त, पीएस ने उठाया फोन, संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट तक नहीं किया
लखनऊ। राजधानी में जानकीपुरम थाना क्षेत्र में एक खुले मेनहोल होल में गिरकर आठ वर्षीय मासूम की मौत हुए अभी पूरा एक दिन भी नहीं बीता था कि एक दिन बाद जलकल के अधिकारी और कर्मचारी सड़कों पर निकलकर व्यवस्थाओं को सुधार करने के बजाये अपने कमरों की सुविधाओं को चुस्त-दृुरस्त करने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। सड़कों पर बड़े हादसे को दावत देते आठों जोन के खुले और टूटे हुए में मेनहोल के ढक्कन अभी भी बड़ी दुर्घटनाओं को दावत देते नजर आ रहे हैं। वहीं इस पूरे प्रकरण पर जब मेयर सुषमा खर्कवाल से बात करने की कोशिश की गई तो इनके पीएस ने कहा कि मैडम जी, मीटिंग में व्यस्त हैं, अभी फ्री होकर बात कराता हूं।
उपरोक्त मासूम की मौत का भी इन अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ और इनकी लापरवाहियां अभी भी जारी हैं। बीते मंगलवार को सीवर के खुले ढक्कन की वजह से हुए हादसे के बाद नगर आयुक्त ने ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कार्रवाई करने के आदेश जलकल जीएम को दिए थे। गौरतलब है की जलकल विभाग के जीएम के आदेश पर जानकीपुरम क्षेत्र में सीवर सफाई और सीवर मेंटेनेंस का काम एसके एंटरप्राइसेस नामक कंपनी को दिया गया था। लेकिन इस कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा लगातार लापरवाही पूर्वक काम करने और टूटे हुए सीवरों के ढक्कन की मरम्मत को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विभाग को कई बार सूचित भी किया जा चुका था। लेकिन विभाग के लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की एक भी नहीं सुनी और खुले हुए मेनहोलों को छोड़कर चले गए।
जिसके बाद यह दर्दनाक हादसा हो गया और जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने को बचाने की कवायद शुरू कर दी है। हादसे के बाद जलकल विभाग जोन तीन के अधिशासी अभियंता मनोज शुक्ला से जब इस मामले की जानकारी करने का कोशिश किया गया तो उन्होंने अपने को बचाते हुए जीएम जलकल के सिखाये जवाब को ही बार बार दोहराते रहे और कहते रहे कि कार्रवाई की जा रही है। लेकिन क्या कार्रवाई की गई यह बताने में संकोच करते नजर आये। इस मामले में एस के इंटरप्राइजेज के मालिक एसके सिंह की कंपनी को सफाई और मेंटेनेंस का काम दिया गया था। लेकिन अभी तक इन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने सख्त आदेश देते हुए बीते दिन ही जलकल के अधिकारियों को आदेश दिया था की समस्त अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों का निरीक्षण कर खुले मेन होल को ढक्कन से बंद कराया जाए और टुटे मेन होल को मेनटेन करवाने के आदेश दिए थे लेकिन अभी भी राजधानी की सड़कों पर खुले मेनहोल सड़कों पर नजर आ रहे हैं ऐसा ही नजारा जोन पांच के आलमबाग बस स्टैंड के पास खुला पड़ा मेनहोल किसी भी समय बड़े हादसे को दावत दे सकता है।
वहीं कैसरबाग मे कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर खुले सीवर की यह तस्वीर फिर किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही थी। लेकिन जब अधिकारियों को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने मेंटेनेंस का कार्य करवाते हुए मामले को दबाने की कोशिश की।