लोकसभा चुनाव 2024 ; प्रत्याशियों की संपत्तियां एक नजर में

भाजपा के संगम लाल गुप्ता निकले सबसे अमीर तो वही पीडीएम के डॉक्टर ऋषि कुमार पटेल सबसे फिसड्डी

लोकसभा चुनाव 2024 ; प्रत्याशियों की संपत्तियां एक नजर में

ब्रजेश त्रिपाठी

प्रतापगढ़। गर्मी की तपन के साथ-साथ प्रतापगढ़ लोकसभा चुनाव का प्रचार भी राजनीतिक गलियारे में तपिश को और ही बढ़ा दे रहा है। आज नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन है। यह राजनीतिक हलचल बस 20 दिन की है। 25 मई को प्रतापगढ़ में वोटिंग है। इस 20 दिनों में सभी प्रत्याशी अपने पुरुषार्थ का परचम लहराएंगे। अपनी-अपनी कलाओं, वाकपटुता, नम्रता और विनम्रता का मुखर होकर प्रदर्शन करेंगे और मतदाताओं को लुभाने का भरपूर प्रयास करेंगे। पार्टी को लेकर देखा जाए तो चार मुख्य पार्टियों भाजपा, सपा ,बसपा और पीडीएम जिनके प्रत्याशी क्रमशः संगम लाल गुप्ता, डॉक्टर एसपी सिंह पटेल, प्रथमेश मिश्रा सेनानी एवं डॉक्टर ऋषि कुमार पटेल हैं जो मुकाबले के नजरिए से मुख्य हैं। इन चारों पार्टी प्रत्याशियों के धन संपदा को लेकर विश्लेषण करने से पता चला कि भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता धनसंपदा के मामले में सभी प्रत्याशियों में सबसे अव्वल हैं। अकूत संपत्ति है।

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वह 35 करोड़ के मालिक हैं और पत्नी 1.86 करोड़ की मालकिन है तो वहीं दूसरे नंबर पर सपा प्रत्याशी डॉक्टर एसपी सिंह पटेल 8.55 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं उनकी पत्नी कांति सिंह 7.65 करोड़ की मालकिन है । वहीं नंबर तीन पायदान पर बसपा प्रत्याशी प्रथमेश मिश्रा सेनानी है जिनके पास कुल 2.46 करोड़ की संपत्ति है तो वहीं पत्नी प्रीति मिश्रा के पास 2.42 लाख की संपत्ति है लेकिन देखा जाए तो संपत्ति के मामले में चौथे नंबर पर पीडीएम प्रत्याशी डॉक्टर ऋषि कुमार पटेल है जो धन संपदा से बेहद कमजोर हैं। उनके पास कुल 1.0 लाख नगद और पत्नी के पास मात्र ₹50000/ ही है।इससे साबित होता है कि पटेल की स्थिति अत्यंत दयनीय है। यहां तक की डॉक्टर ऋषि के पास न खेत है और न ही वाहन। बाकी तीनों प्रत्याशियों के पास वाहन हैं। 

 

अब बात करते हैं कि किसके पास कौन-कौन से शस्त्र हैं तो शस्त्र के मामले में सपा प्रत्याशी डॉक्टर एसपी सिंह पटेल ने भाजपा प्रत्याशी संगम लाल को भी पिछाड़ दिया। डॉक्टर एसपी सिंह पटेल के पास पिस्तौल और राइफल है तो वहीं उनकी पत्नी कांति सिंह के पास गन और माउजर है। तात्पर्य यह है कि पति पत्नी शस्त्र प्रेमी है लेकिन भाजपा प्रत्याशी संगम लाल के पास 1.50 लाख की रिवाल्वर ही है तो वहीँ बसपा प्रत्याशी प्रथमेश और पीडीएम प्रत्याशी डॉक्टर ऋषि शस्त्र विहीन है। उन्हें शस्त्रों का कोई शौक नहीं है । हां, इतना जरूर है कि व्यवसाय की दृष्टि से संगम नंबर एक पर है। इनके पास कई कंपनियां, शेयर मार्केट ,एलआईसी के साथ प्रतापगढ़ स्थित कटरा मेदिनीगंज और मुंबई में कृषि और अच्छा खासा बिजनेस है जो आय का बहुत बड़ा स्रोत है तो वहीं सपा प्रत्याशी डॉक्टर पटेल की आय का साधन कॉलेज, होटल के अलावा कृषि और व्यावसायिक जमीन भी है। यह फतेहपुर ,बाराबंकी और औरंगाबाद में है, साथ ही प्राइवेट अपार्टमेंट भी है जो आजीविका का प्रमुख साधन है। बात की जाए बीएसपी प्रत्याशी प्रथमेश मिश्र सेनानी की तो लखनऊ में अपार्टमेंट और जमीन है और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म है जो उनकी आय का स्रोत है। सबसे दयनीय हालत पीडीएम प्रत्याशी डॉक्टर ऋषि की है जिनके आय का श्रोत मात्र मेडिकल प्रैक्टिस ही है। 

यह तो प्रत्याशियों के धन संपदा की बात रही फिर भी एक बात गले से नीचे नहीं उतर रही है वह यह कि चाहे संगम लाल गुप्ता हों या डॉक्टर एसपी सिंह पटेल यह दोनों अच्छे व्यवसायी हैं, आराम से जीवन यापन हो रहा है फिर राजनीति में आने का मकसद क्या रहा। संगम लाल गुप्ता का बीजेपी पार्टी से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा और एकाएक 2017 में भाजपा से टिकट प्रकार प्रतापगढ़ सदर के एमएलए हो गए और 2019 में लोकसभा प्रत्याशी के लिए टिकट आसानी से सुलभ होने पर प्रतापगढ़ के सांसद हो गए। विगत 7 वर्षों में संगम का ऐसा भाग्य चमक गया कि लोकसभा 2024 में भाजपा के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पहले ही लिस्ट में घोषित कर दिए गए। कहने का मतलब यह है कि केंद्र तक अच्छी पैठ बना रखी है।

समय होत बलवान। स्पष्ट है कि समय और धन से लोगों में बहुत बड़ा परिवर्तन होना स्वाभाविक है। प्रतापगढ़ की जनता भाजपा की नीतियों से तो खुश है लेकिन प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता जनपद वासियों को समय कम दे पाते हैं, उनके सुख दुख को सुनते ही नहीं। आज भी ऐसे ऐसे गांव है जहां सांसद गए ही नहीं, मिलना तो छोड़ दीजिए। तो ऐसे में प्रश्न यह है कि हरदोई का वासी और प्रतापगढ़ से सपा का प्रत्याशी घोषित होकर प्रतापगढ़ की जनता को क्या समय दे पाएगा। वहीं दो युवा प्रत्याशी प्रथमेश मिश्रा सेनानी एवं डॉ ऋषि प्रतापगढ़ जनपद के ही हैं जिसमें बसपा प्रत्याशी प्रथमेश, भाजपा प्रत्याशी के लिए गले की हड्डी बन गए हैं क्योंकि संगम सवर्ण विरोधी हैं जो जग जाहिर है। यही नहीं, बीजेपी में भितरघाती भी उत्पन्न हो गए हैं जिन्हें प्रतापगढ़ आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सचेत भी किया है। भाजपा प्रत्याशी के नामांकन के दौरान जुटी भीड़ से एक कदापि अनुमान न लगाया जाए की जीत पक्की हो गई। भाजपा और सपा की राह यूं ही आसान नहीं है। दोनों पार्टियों के लिए कई अवांछनीय कारक ऐसे हैं जो जीत के लिए रोड़ा बन सकते हैं। वहीं पीडीएम प्रत्याशी डॉक्टर ऋषि पटेल, सपा प्रत्याशी के लिए राह में रोड़ा बन गए क्योंकि पटेल वोट बैंक में विभाजन होना तय है। इन सभी बातों को लेकर प्रतापगढ़ की जनता खामोश है और परस्पर राजनीतिक मंथन कर रही है।

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