समन्वय बैठकों से इन्डिया गठबंधन को मनोवैज्ञानिक बढ़त

समन्वय बैठकों से इन्डिया गठबंधन को मनोवैज्ञानिक बढ़त

समन्वय बैठक कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के राजनीतिक अनुभव एवं उनके रचनात्मक प्रयासों की देन है। ‌यह बैठकें उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पंडितों के मध्य कौतूहल और विमर्श का विषय बन गई है। आज कांग्रेस प्रभारी ने अवध क्षेत्र में सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी एवं प्रयागराज में समन्वय बैठकों के जरिए इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं से संवाद कायम किया। पश्चिम उत्तर प्रदेश एवं ब्रज क्षेत्र में 28 समन्वय बैठकों की सफलता से उत्साहित कांग्रेस प्रभारी ने अवध क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में युद्ध जैसा आवेग पैदा किया।उन्होंने बताया कि यह चुनाव आज सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं लड़ा जा रहा है। यह बाबा साहब की विरासत संविधान और आरक्षण बचाने  की लड़ाई है। संवैधानिक संस्थाएं चुनाव आयोग, न्यायपालिका मीडिया पर सरकारी नियंत्रण है। संसद में भी असहमति की आवाज को  कुचला जा रहा है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कराना एवं उनसे मकान खाली करना इसका उदाहरण है।गठबंधन के औचित्य को बताते हुए उन्होंने कहा कि जब सभी गैर भाजपाई दल जो लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं तथा समाजवादी मूल्य के प्रति प्रतिबद्ध है ।उन्हें लग गया कि इस देश में संविधान खतरे में है और देश की सार्वजनिक संपत्तियां मोदी के 22 अरबपति दोस्तों के नाम कुर्बान की जा रही है। जनता और जागरूक नागरिकों को खामोश कर दिया गया है। ऐसे अघोषित आपातकाल में एक नेता प्रकट होता है जो मोदी की आंखों में आंख डालकर खेत खलिहान, सड़क से सदन तक की जन विरोधी नीतियों का विरोध किया उसका नाम है राहुल गांधी।

राहुल जी ने सरकार की दमनकारी नीति से खामोश एवं आतंकित किए गए देश के नागरिकों साथ संवाद कायम कर  उनके साथ खड़े होकर उनके भीतर के डर को समाप्त करने के उद्देश्य से 10700 किलोमीटर भारत जोड़ो यात्रा संपन्न की। हमारा घोषणा पत्र निश्चित रूप से भारत जोड़ो यात्रा में देश के सभी सामाजिक वर्गों के सुझाव एवं उनसे संवाद से निर्मित हुआ है। यह घोषणा पत्र नहीं है बल्कि भारत के निर्माण का दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि आज किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए सड़क पर है, सरकार अन्नदाता की राहों में कील और कांटे बिछा रही है। किसान विरोधी नीतियों से खेती घाटे की सौदा बन गई है। अन्नदाता आत्महत्या के लिए अभिशप्त है। नौजवानों बेरोजगारी खा रही है। देश के महान नागरिकों को महज मतदाता समझने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जिस तरह चंदा लेकर जानलेवा कोवीशील्ड वैक्सीन का टीकाकरण कराया उससे  स्पष्ट है की यह सरकार देश की जान और माल के लिए खतरा बन गई है।

मातृशक्ति के प्रति संघ की विचारधारा सदा से सामंती संस्कार से प्रेरित रही है। यह अकारण नहीं है कि बलात्कार एवं छेड़छाड़ के आरोपी चिन्मयानंद, कुलदीप सेंगर को भाजपा का राजनीतिक संरक्षण हासिल हुआ। प्रज्जवल रेवन्ना, और बृजभूषण शरण सिंह के साथ शीर्ष भाजपा नेतृत्व मंच साझा करता है। लेकिन दिल्ली की सड़कों पर संघर्ष करती हमारी रेसलर बहनों अथवा मणिपुर में निर्वस्त्र की गई हमारी बहनों के संदर्भ में प्रधानमंत्री कुछ भी बोलने से बचते हैं। उनकी जुबान पर मणिपुर का म  नहीं चढ़ता लेकिन मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मछली, मंगलसूत्र और मुगल जैसे नाम अक्सर सुनाई पड़ते हैं।

भाजपा नेता मोदी की  तथाकथित लोकप्रियता की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव में मोदी सरकार देश में 33-66% मत ही हासिल कर सकी।आज भी 64 से 66% जनता भाजपा के खिलाफ है। भाजपा की कुटिल नीति के कारण विपक्ष विभाजित था लेकिन हमारे महान नेताओं राहुल जी, लालू जी, अखिलेश जी की दूरदर्शिता से यह 63% बिखरा हुआ मत आज इंडिया  गठबंधन की छतरी तले एकजुट है। मतों का अंकगणित समझते हुए बड़ी चतुराई से अविनाश पांडेय ने अपने संगठन कौशल का परिचय देते हुए गठबंधन के कार्यकर्ताओं को मनोवैज्ञानिक स्तर पर बढ़त दिला दी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को 17 सीटों के  साथ साथ समाजवादी उम्मीदवारों की 63 सीटों पर अपनी सार्थक उपस्थित दर्ज कराने की ऊर्जा प्रदान कर दी।  बूथ प्रबंधन को विजय का मूल मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारी बड़ी जिम्मेदारी है कि भाजपा के खिलाफ पढ़ने वाले 63 मतों को बूथ तक ले जाना। उन्होंने कहा कि 32 समन्वय बैठकों के बाद मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि शेष भारत की तरह उत्तर प्रदेश में भी बदलाव की लहर है। जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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