हैरानी: राजस्व अभिलेखागार से चकबंदी के दस्तावेज गायब!

सरोजनी नगर तहसील के परवर पश्चिम ग्राम पंचायत का आकार पत्र लापता

हैरानी: राजस्व अभिलेखागार से चकबंदी के दस्तावेज गायब!

तहसील संवाददाता
सरोजनी नगर ,लखनऊ। राजधानी मुख्यालय से चंद किमी दूर सरोजनी नगर तहसील का जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित अभिलेखागार है जहां से सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के परवर पश्चिम ग्राम पंचायत का आकार पत्र 41-45 लापता हो गया इससे किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं। वहीं यह गायब हुए दस्तावेज भूमाफियाओं के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं हैं, क्योकिं इसके आड़ में वो एक ही जमीन की खरीद-फरोख्त कई बार कर सकेंगे। वहीं स्थानीय प्रशासन से जुड़े जानकारों की मानें तो चकबंदी के अभिलेख लापता हो जाने का मतलब यह है कि पुराना लेखा-जोखा सब स्वाहा हो गया मतलब साफ है अगर जमीनों में कुछ गड़बड़ियां हुई तो सीधे तौर पर किसानों का नुकसान होगा। चकबंदी अभिलेखागार के संबंधित अधिकारी खुद लिखकर दे रहे हैं कि परवर पश्चिम का सीएच 41 45 उपलब्ध नहीं है।

गौर हो कि राजधानी से सटे सरोजनी नगर तहसील में भूमाफियाओं ने वैसे भी अवैध कब्जे करके प्रशासन की नाक में दम कर रखा है और अब दूसरी तरफ परवर पश्चिम ग्राम पंचायत का चकबंदी जोत आकार पत्र तहसील के आरके अभिलेखागार से लेकर जिले के अभिलेखागार से लापता है इससे किसानों की मुश्किलें काफी हद तक बढ़ गई हैं। खतौनी में गलत नामांतरण खसरा नंबर पुराने गाटे किसके नाम थे कौन से थे अब देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि प्रशासन के पास रिकॉर्ड नहीं है। वहीं इस मुद्दे पर जब तरूणमित्र टीम ने एडीएम प्रशासन शुभी सिंह से बात की तो उनका यही कहना रहा कि यह मामला गंभीर है, अभिलेखागार रिकॉर्ड कहां है, इसको लेकर एसडीएम सरोजनी नगर से बात करती हूं...।

सरकारी दस्तावेजों के रखरखाव पर खर्च होता है फंड!

राजस्व विभाग के कर्मचारीयों व पदाधिकारी के लापरवाही से पुराने अभिलेख गुमनामी के अंधेरे में गुम हो गए हैं जब कि सरकार कागजों के रखरखाव के लिए अच्छा खासा बजट खर्च करती है बावजूद इसके पुराने रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं कर पाए अगर भूस्वामियों से कोई धोखाधड़ी हो जाए तो उससे निपटने के लिए अभिलेखागार से कोई मदद नहीं मिल सकती क्योंकि कागजात ही उपलब्ध नहीं है। सीएच 41 45 उपलब्ध न होने से उपजिलाधिकारी ने परमिशन की फाइलों पर लगाया प्रतिबंध। ग्राम पंचायत परवर पश्चिम का आकार पत्र लापता हो जाने के कारण सरोजनी नगर उपजिलाधिकारी फाल्गुनी सिंह की कलाम ने ही तमाम सवाल खड़े कर दिए जरा सोचो जब अफसर ही इसको अहम मानते हैं और इसके बगैर कोई आदेश पारित नहीं करते हैं, तो सोचो कितने महत्वपूर्ण कागजात अभिलेखागार से लापता हो गए राजस्व के महत्वपूर्ण कार्य में चकबंदी आकार पत्र 41 45 आवश्यक रूप से लगता है अगर नहीं लगा तो संबंधित अधिकारी का कलम उस पर नहीं चलेगा।

एसडीएम ने खुद लिखी ये बात...!

सरोजनी नगर उपजिलाधिकारी फाल्गुनी सिंह धारा 98 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 के फाइल में लिखती हैं कि महोदय प्रश्नगत गाटे की सीएच 41 45 उपलब्ध न होने के कारण मूल नवैयत के संबंध में स्पष्ट जांच नहीं कराई जा सकती अत: अनुमति के तहत अभिलेखों के अभाव में संस्तुति नहीं की जा सकती आख्या सादर प्रेषित है अब आप यहीं से अंदाजा लगा सकते हैं सीएच 41 45 कितना महत्वपूर्ण है।

क्या है जोत चकबंदी...!

उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम नियम की धारा 27 के तहत रिकॉर्ड बंदोबस्त तैयार किया जाता है जिसमें आकार पत्र 41 और 45 बनाया जाता है नए नक्शे का निर्माण किया जाता है जिसमें पुराने गाटों के स्थान पर नए गाटे बना दिए जाते हैं इस संपूर्ण प्रक्रिया की हर स्तर पर गहन जांच की जाती है इसके बाद मुख्य रिकॉर्ड तैयार होते हैं।

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