शादी के शुरुआती के 1-2 सालों में क्या करने से बचना चाहिए

शादी के शुरुआती के 1-2 सालों में क्या करने से बचना चाहिए

हर माता-पिता अपनी बेटी के लिए अच्छे से अच्छा परिवार खोजने की कोशिश करते हैं। फिर शादी के बाद जैसा ससुराल मिल जाता है उसे उसका भाग्य बता दिया जाता है। लेकिन लड़कियों के इस भाग्य में उनके द्वारा किए कर्मों और फैसलों को बहुत अहम रोल होता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में यहां बता रहे हैं, जो आपको अपनी शादी के शुरुआती के 1-2 सालों में करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसका परिणाम जिंदगी भर के लिए अभिशाप की तरह लग जाता है।

​सास-ननद के साथ लड़ाई बहुत ही आम बात है, लेकिन यही चीज आगे चलकर घर में अशांति का कारण बनती हैं। साथ ही बिरादरी के लोग भी पीठ पीछे दस बातें करने लगते हैं।

इसका अलावा पति के साथ भी रिश्ते की डोर नाजूक पड़ने लगती है। क्योंकि आप जिससे इस घर में आते-आते ही लड़ रही हैं वो दो औरत आपके पति के जीवन की सबसे अहम महिलाएं हैं।

शादी का रिश्ता बराबरी का होता है। इसलिए हर चीज में पति की जी हजुरी करना आपको जीवनसाथी नहीं बल्कि दास और स्वामी के रिश्ते का हिस्सा बनाता है।

पति के हर चीज में शामिल रहें लेकिन उसे खुद पर पूरी तरह निर्भर बनाने की गलती बिल्कुल ना करें। क्योंकि बाद में आपको जरूरत पड़ने पर आपको उनसे कोई मदद नहीं मिलेगी। साथ ही उसके खराब बर्ताव को भी सहने की आदी ना बनें।

शादी के बाद शुरुआती दिनों में लड़कियां अपने ससुराल में सबको खुश रखने के लिए सारे काम की जिम्मेदारी खुद के सर पर उठा लेती है। ऐसा बिल्कुल भी ना करें, शुरुआत से ही यह बात साफ रखें कि आप से कितना काम हो सकता है।

क्योंकि एक बार जहां आप सारा काम खुद करने लगते हैं तो फिर आपको कभी इसमें मदद के लिए कोई साथ नहीं मिलेगा, चाहे आपकी कंडीशन कितनी भी खराब हो।

पर्सनल सेविंग ना रखना
शादी के बाद अपनी हर छोटी-छोटी जरूरत के लिए पति पर निर्भर होना उसके नजर में आपके अहमियत को कम कर सकता है।इसलिए अपनी एक अलग सेविंग जरूर रखें।

यदि आप नौकरी कर रहीं हैं तो इसे छोड़ने की गलती बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि हो सकता है आपको लंबे समय तक वापस से जॉब ज्वाइन करने का मौका ना मिले। क्योंकि आमतौर पर ज्यादातर लोगों को बहू का बाहर कमाना पसंद नहीं होता है।

मायके से बार-बार डिमांड करना
इसमें कोई दोराय नहीं कि ससुराल में मायके का हस्तक्षेप सीमित रहे तभी लड़की अपने नए परिवार में एडजस्ट कर पाती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप ससुराल वालों के मुताबिक अपने मायके वालों से बर्ताव करें।

जितना हो सके शादी के बाद मायके से कम से कम चीज लें भले वह गिफ्ट के तौर पर ही क्यों ना मिल रहा हो। साथ ही ध्यान रखें कि ससुराल वालों की डिमांड को मायके तक ना पहुंचाएं। क्योंकि इससे आप और आपके माता-पिता हमेशा परेशान रह सकते हैं।

 

Tags:

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

Related Posts

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

 मुठभेड़ में शातिर हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त गिरफ्तार, गोली लगी  मुठभेड़ में शातिर हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त गिरफ्तार, गोली लगी 
फिरोजाबाद, । थाना नगला खंगर पुलिस टीम ने शनिवार की देर रात शातिर हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया...
 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ में मतदान 17 काे
केजरीवाल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में हुई मौत पर जताया दुख
अनियंत्रित डीसीएम बिजली पोल तोड़ते हुए तालाब में घुसी, आधा दर्जन गांवों में छाया अंधेरा
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने स्वामी अधोक्षजानन्द से लिया आशीर्वाद
महाशिवरात्रि को महाकुम्भ का आखिरी स्नान
इसरो के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर आर. मनिका वासगाम (91 वर्ष) का निधन