
कैमूर। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रदेश कार्यालय में सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने एवं जनसमस्याओं के समाधान हेतु होने वाले ‘‘कार्यकर्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री’’ कार्यक्रम में बुधवार को माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार जी, माननीय मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार जी एवं माननीय लघु जल संसाधन मंत्री श्री जयंत राज जी सम्मिलित हुए और विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं को सुन उनका समाधान किया व संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर विधान परिषद् में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्री संजय गांधी एवं महासचिव श्री अरुण कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
कार्यकर्त्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री श्री श्रवण कुमार ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पार्टी कार्यालय में मंगलवार से शुक्रवार तक जनसुनवाई कार्यक्रम होता है। इसमें बिहार के जो भी लोग फरियाद लेकर आते हैं उनको सुना जाता है और संबंधित अधिकारियों को फोन से निर्देश दिया जाता है। जो विधि और नियम सम्मत होता है उस पर तुरंत कारवाई होती है। हर दिन 3 मंत्री का पैनल बैठता है और अपने से संबंधित मामलों की जनसुनवाई करते हैं। जनता की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करते हैं। यह कार्यक्रम धीरे-धीरे बहुत लोकप्रिय होते जा रहा है, बड़ी तादाद में यहां लोग पहुंच रहे हैं। आप चाहे तो उनसे भी इंटरव्यू ले सकते हैं। हमारे माननीय मुख्यमंत्री का और हमलोगों का जो जनता के साथ कमिटमेंट है उसको पूरा करने, मुकाम तक पहुंचाने में हम सब लोगों की दिलचस्पी रहती है।
एक सवाल के जवाब में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि श्री उपेंद्र कुशवाहा बहुत बड़े नेता हैं और उनको इस दल में जितना सम्मान मिला, मैं समझता हूं कि अभी तक इतना सम्मान शायद ही कहीं और उनको मिला होगा। वो राष्ट्रीय पाॅलिटिकल पार्टी के अध्यक्ष थे तो उनको राष्ट्रीय स्तर का सम्मान दिया गया। अगर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना है तो उनसे ही पूछिए कि कौन सा ऐसा पद है जो झुनझुना नहीं है, बहुत पावरफुल है, बहुत ताकतवर है। जिस पथ पर वह जाना चाहते हैं, उनके इच्छा का भी तो पता चलना चाहिए। हम लोग यह बात जानते हैं कि जब दृ जब हमलोगों के साथ रहे या आए तब उन्हें पर्याप्त सम्मान मिला। हमलोग के बाद जहां गए हैं वहां तो उनको कुछ नहीं मिला। यहां पर तो पहली बार विधायक बने और विपक्ष के नेता बन गए। दल छोड़ भाग गए, फिर आए तो राज्यसभा के सदस्य बन गए और भाग गए, फिर आए तो पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष व विधान परिषद के सदस्य बने। अगर उनको लगता है यह सब झुनझुना है तो झुनझुना का स्वाद उन्होंने कैसे लिया, इसका भी खुलासा उनको करना चाहिए। यह सब पद यदि झुनझुना है तो इस देश में कौन सा पद है जो उनके लायक है, जो वह चाहते हैं। हिस्सेदारी तो उनको काफी मिली, बराबरी का दर्जा और सम्मान मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन का ही पद है। इस सम्मान के बाद भी यदि कोई व्यक्ति उपेक्षित है तो जो लोग शुरू से इस पार्टी में कार्य कर रहे हैं उन नेताओं को उनके हिसाब से कितना सम्मान चाहिए यह उनको ही बताना चाहिए।
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमलोग शराबबंदी कानून का उलंघन करने वालों के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा के लोग हमलोगों के साथ रहते हैं तो सबकुछ ठीक रहता है उनके हट्टे ही बिहार में जंगलराज आ जाता है, यह क्या बात हुयी उन्हें ही स्पष्ट करना चाहिए। बिहार में कानून का राज स्थापित है, वैसे वर्तमान डीजीपी स्वयं एक अच्छे पदाधिकारी हैं और किसी भी घटना के बाद त्वरित कारवाई हो रही है। महागठबंधन के कुछ नेताओं द्वारा शराबबंदी कानून को समाप्त करने संबंधी बयान के बावत पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से इसे बनाया है और आवश्यकतानुसार इसमें संशोधन भी हुआ है।
कार्यकर्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री श्री जयंत राज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि श्री उपेन्द्र कुशवाहा जबसे पार्टी में आए हैं उन्होंने पार्टी को कमजोर करने का ही काम किया है। उनके द्वारा नजरअंदाज करने का लगाया गया आरोप निराधार ही नहीं हास्यास्पद भी है। वैसे भी झुनझुना पकड़ने की उनकी उम्र नहीं है झुनझुना पकडाया गया था तो तुरंत छोड़ देते इतने दिन बाद अब क्या हुआ? अति महत्वाकांक्षा अगर पाले हों तो वही बता सकते हैं। संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद पवेलियन में बैठाने या झुनझुना पकडाने वाला है क्या?