पांच दिन से पिंजडे के पास बैठी बाघिन पांचवे दिन भी पकड से बाहर
ग्रामीणों के अनुसार बाघिन बीमार और कमजोर
पीलीभीत । आबादी क्षेत्र में घूम रही बाघिन को कैद करने के लिए लगा पिंजरा पंाचवे दिन भी खाली रहा। बाघिन पिछले 72 घंटे से पिंजरे के इर्द गिर्द ही चहलकदमी कर रही है। सुबह बाघिन ने खेत पर चारा लेने गऐ सिख फार्मर को दौडा लिया। बमुष्किल फार्मर और उसके भाई भतीजोें ने भागकर अपनी जान बचाई। वही देर रात भी बाघिन नील गाय का पीछा करते एक अन्य किसान के घर तक जा पहंुची। बाघिन की मौेजूदगी देखकर परिवार में हडकंप मच गया। किसान के परिवार ने षोर षराबा कर बाघिन को वहां से भगाया। निगरानी टीमों द्धारा लगातार बाघिन की मानीटरिंग की जा रही है। वन विभाग के द्धारा देवहा नदी की डबरी मंे पिंजरा लगाया गया है। एक दिन पूर्व बाघिन ने पिंजरे के बाहर बंधी बकरी का तो षिकार किया लेकिन पिंजडे के भीतर नही गई। बाघिन पिछले 72 घंटे से वही आसपास ही मंडरा रही है। वन विभाग के अफसरों का दावा है कि 24 घंटे षिफटों में बाघिन की निगरानी की जा रही है। और बाघिन की लोकेषन भी लगातार पिंजडे के पास ही बनी हुई है। इसलिए अफसर यह दावा कर रहे है कि षीघ्र ही बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया जायेगा।
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