तीतरो की हारजीत के साथ सम्पन्न हुआ दंगल
तकिया मेला का भी अपना एक अलग महत्व है
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पाटन, उन्नाव। हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक तकिया मेला में परंपरागत तरीके से आयोजित होने वाला तीतर दंगल तीतरो की हार जीत के साथ संपन्न हुआ विजेता तीतर ने अपने प्रतिद्वंद्वी तीतर को मैदान से भगाकर विजई रहे। मेला के शुभारंभ के पश्चात पौष माह के प्रथम रविवार को परम्परागत तरीके से आयोजित होने वाला तीतर दंगल का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद व गैर जनपद के तीतर पालको ने भाग लिया।
तथा बार जीत की बाजी लगाकर एक दूसरे तितर से लड़ाई कराई, इस तीतर दंगल में विजेता तीतर अपने प्रतिद्वंद्वी तीतर को मैदान से भागकर विजयी रहा। इस तीतर दंगल में लगभग एक दर्जन से अधिक तीतरो ने अपनी लड़ाई का जौहर दिखाया।जिसमे गुड्डू चहोतर रायबरेली मनुआ तिवारी रछोलिया उन्नाव, सुमित घनई खेड़ा उन्नाव ,मुन्ना बाजपेई निवासी राजापुर पिपरहा ,विपिन यादव निवासी देवा खेड़ा कुम्भी, राम बाबू निवासी करारी के तीतरों की कांटे की लड़ाई हुई।जिसमें गुड्डू चहोतर मुन्ना बाजपेयी राजापुर तथा विपिन यादव तीतर विजई रहे।
हार जीत की बाजी लगाकर हुई तीतरों की लड़ाई काफी रोमांचक रही वही उपस्थित दर्शको ने भी तीतरों में बाजी लगाकर जीत का लाभ उठाया। तीतरों में भी विजई तीतरों की हज़ारो रुपए की खरीद फरोख्त हुई। मेला में 40 वर्षों से जनपद उन्नाव के पुरवा से आये पिजरा व्यापारी सिकन्दर ने बताया कि उसके पुर्वज 40 वर्षो से पिजरा बनाकर बेचने का कार्य कर रहे है। मेरे पिता स्वर्गीय जगदीश भी तकिया मेले में पिजरे बेचने आते थे। पुरवा के ही ज्वाला प्रसाद अपने पिता स्वर्गीय घसीटे के साथ लगभग 20 वर्षो से लगातार आ रहे है पिजड़ों की ब्रिकी कीमत 500 रुपए बताया ये भी बताया कि इस बार पिजड़ों की बिक्री कम हुई।
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