शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से सात साल में बदल गई गोरखपुर की तस्वीर*
ढांचागत सुविधाओं के विकास के मामले में गोरखपुर की गिनती नजीर पेश करने वाले शहरों में*
×गोरखपुर,। सात साल पहले कहा जाता था कि क्या है गोरखपुर में। जबकि आज यह वाक्य, क्या कुछ नहीं है गोरखपुर में परिवर्तित हो गया है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में गोरखपुर की तकदीर और तस्वीर, दोनों बदल चुकी है। इस बदलाव में सबसे बड़ा योगदान यहां हुए और हो रहे शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का है।
किसी भी क्षेत्र को समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ने के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का होना अपरिहार्य है। बीते छह सालों से सतत हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ने गोरखपुर को नजीर पेश करने वाले शहरों की कतार में खड़ा कर दिया है। एक नजर देखने से गोरखपुर के हर तरफ बुनियादी सुविधाओं का संजाल दिखता है, पर यह संजाल सिर्फ झांकी है। वर्तमान में भी करीब दस हजार करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर काम जारी है।
एक लंबे दौर तक गोरखपुर की पहचान बदहाली, टूटी सड़कों, लचर विद्युत आपूर्ति और अन्य अनेक समस्याओं से जोड़कर बनती थी। खराब रोड कनेक्टिविटी के कारण जीवन को सुगमता के साथ ही उद्योग और व्यापार पर बुरा असर पड़ता था। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ही दिया। इसका नतीजा है कि गोरखपुर शहर के बाहरी हिस्से की सभी सड़कें और शहर के अंदर भी प्रमुख मार्ग फोरलेन हो चुके हैं। सड़कों के साथ चौराहों का भी चौड़ीकरण हुआ। इससे आवगमन सुगमता तो बढ़ी ही, अन्य क्षेत्रों के लोगों का भी गोरखपुर के प्रति रुझान बढ़ा। वर्तमान में गोरखपुर से लखनऊ, वाराणसी, बिहार, नेपाल तक जाने के लिए फोरलेन की कनेक्टिविटी है। इससे आवासीय आवश्यकताओं की मांग में इजाफा होने के साथ औद्योगिक निवेश की बयार लगातार बह रही है।
*गोरखपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की प्रमुख परियोजनाएं*
- जंगल कौड़िया-सोनौली फोरलेन मार्ग (लागत 2700 करोड़ रुपये)
- फोरलेन ग्रीनफिल्ड गोरखपुर बाईपास (लागत-2100 करोड़ रुपये)
- टीपीनगर से पैडलेगंज तक सिक्सलेन फ्लाईओवर (लागत 429.49 करोड़ रुपये)
- भटहट से बासस्थान मार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 689.35 करोड़ रुपये)
- देवरिया बाईपास) का फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 399.24 करोड़ रुपये)
- रामगढ़ताल नौकायन से देवरिया बाईपास तक फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 67.35 करोड़)
- गोड़धोइया नाला एवं रामगढ़ताल जीर्णोद्धार परियोजना (लागत 474.42 करोड़ रुपये)
- गोरखपुर सीवरेज योजना सी पार्ट टू (लागत 561.34 करोड़ रुपये)
- जेल बाईपास फोरलेन के खजांची चौराहे पर फ्लाईओवर (लागत 96.50 करोड़ रुपये)
- बरगदवा-कौवाबाग-जेल बाईपास फोरलेन (लागत 98.34 करोड़ रुपये)
- गोरखनाथ मंदिर से नकहा ओवरब्रिज होते हुए स्पोर्ट्स कॉलेज तक फोरलेन (लागत 41.20 करोड़ रुपये)
- एचएन सिंह चौराहे से हड़हवा फाटक होते हुए गोरखनाथ मंदिर मार्ग तक टूलेन/फोरलेन (लागत 245.44 करोड़ रुपये)
- हड़हवा फाटक समपार संख्या 2 स्पेशल पर फोरलेन फ्लाईओवर (लागत 201.24 करोड़ रुपये)
- अंधियारी बाग रामलीला मैदान से सूरजकुंड कॉलोनी तक टूलेन/फोरलेन (19.77 करोड़ रुपये)
- चरगांवा से करीमनगर तक स्मार्ट सड़क (लागत 13.47 करोड़)
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