अगले साल भव्य आयोजन के संकल्प के साथ समाप्त हुआ पुस्तक मेला
बस्ती - टाउन क्लब में चल रहा बस्ती पुस्तक मेला शनिवार को अगले साल भव्य आयोजन के संकल्प के साथ समाप्त हो गया। साथ ही मेले में आए प्रकाशकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीलाल शुक्ल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार अष्ठभुजा शुक्ल नें कहा कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं, लिखते हैं उनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है। और जिनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है, उनकी आयु लम्बी होती है, शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए पढ़ना जहां बुद्धिमत्ता प्रदान करता है, वहीं स्वास्थ्य के लिए भी मददगार होता।
युवा विकास समिति द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया भारत सरकार के सहयोग से लगाये गए पुस्तक मेले के अंतिम दिन विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी रोशनी श्रीवास्तव, राजमाता आशिमा सिंह, डॉ. वी के. श्रीवास्तव, डॉ .राम शंकर गुप्ता, राघवेन्द्र विक्रम सिंह, प्रमोद पाण्डेय नें भी अपने विचार रखा।लखनऊ निवासी महिला साहित्यकार डॉ. अर्चना शुक्ला के निबंध संग्रह स्वान्तः सुखाय का हुआ विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
मेले के आयोजकों की तरफ से पुस्तक मेले में स्टाल लगाने वाले सभी प्रकाशकों को स्मृति चिन्ह, प्रमाणपत्र और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। साथ ही मेले के प्रमुख सहयोगियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये। आयोजक बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि पुस्तक मेले में लगभग 15 लाख रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के स्टाल पर बस्ती निवासी अरविन्द कुमार सिंह की लिखी पुस्तक भारतीय डाक सदियों का सफरनामा की सभी प्रतियाँ पहले ही दिन ख़त्म हो गई।
पुस्तक मेले के सफल आयोजन में प्रमुख रूप से पंकज त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, डॉ. नवीन सिंह, गरुन्ध्वज पाण्डेय, राम मूर्ति मिश्र, अनुराग श्रीवास्तव, डॉ नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ, वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, संध्या दीक्षित, मयंक श्रीवास्तव, हिना खातून, विशाल पाण्डेय, नीलम मिश्र, माधुरी, राम कृष्ण लाल, जगमग की भूमिका रही।
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