स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए आदर्श और अनुकरणीय है–राकेश सिंह
स्वामी विवेकानंद जी की 161वी जयंती एमजीएस इंटर कॉलेज में धूमधाम से मनाई गई
समाज के वे लोग जो आपकी मदद करते हैं उन्हें जीवन में कभी मत भूलना।
सुल्तानपुर। महात्मा गांधी स्मारक इंटर कॉलेज, सुल्तानपुर में राष्ट्रीय युवा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राष्ट्रीय युवा दिवस के इस कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ ए के सिंह थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एमजीएस के वरिष्ठ प्रवक्ता राकेश सिंह ने बताया की स्वामी विवेकानंद जैसा विद्वान सदियों में एक बार जन्म लेता है। उनके विचार युवाओं के लिए आदर्श और अनुकरणीय है। स्वामी जी युवाओं से कहते हैं की उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते हो। समाज के वे लोग जो आपकी मदद करते हैं उन्हें जीवन में कभी मत भूलना। आज युवाओं को अधिक से अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन के लिए एकाग्रता और एकाग्रता के लिए ध्यान जरूरी है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ ए के सिंह ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी सिर्फ राष्ट्र के ही नहीं बल्कि विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत हैं। एक बार स्वामी विवेकानंद जी से लंदन के पत्रकारों ने कहा कि आपका भारत बिना युद्ध जीते कैसे महान है? स्वामी विवेकानंद ने कहा की हमारा राष्ट्र किसी राष्ट्र पर कभी आक्रमण या युद्ध नहीं किया है। इसलिए भारत एक महान राष्ट्र है। स्वामी विवेकानंद एक बार यात्रा पर जमसेद टाटा से मिलने पर कहा था की आप जिसकी प्राप्ति के लिए विदेश की यात्रा कर रहे हैं। उसकी प्राप्ति आप अपने देश में कर सकते है। जमसेद टाटा ने स्वामी जी के विचारों से प्रभावित होकर भारत में अपना सारा उद्योग स्थापित किया। स्वामी विवेकानंद एक प्रखर राष्ट्रवादी थे। इनके आदर्श व्यक्तित्व के बारे में भूपेंद्र नाथ ने अपनी पुस्तक में लिखा की विवेकानंद कहते थे की जब जीवन में पुण्य होता है तब हमें मानव जीवन मिलता है लेकिन उससे अधिक पुण्य होने पर भारत जैसे राष्ट्र में जन्म लेने का सौभाग्य मिलता है। वर्तमान समय में युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचार को पढ़कर जीवन में उतारना चाहिए।
मंच संचालन उप प्राचार्य विचित्र वीर सिंह ने किया। प्रधानाचार्य महेश कुमार सिंह ने छात्रों को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के आदर्शों को बताया और आए हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश कुमार कनौजिया, डॉ अजय सिंह, मधुलिका सिंह, किरन वर्मा, दीपक सिंह, अखिलेश तिवारी, वैभव सिंह, डॉ अंबरीश सिंह, श्याम लाल, उदयवीर, सुनील सिंह, हरेंद्र, लाल रत्नाकर सिंह, राजनाथ यादव, पंकज सिंह, सुरजीत, रामप्रकाश, आलोक, जगमोहन, माधवराम, धर्मेंद्र पांडे, विपिन मिश्रा,रोहन, रमेश प्रजापति, विवेक सिंह, उपकार श्रीवास्तव, अशोक सिंह, बब्बन आदि ने सहयोग किया।
टिप्पणियां