क्या कल्पना संभालेंगी झारखंड के मुख्यमंत्री का पद?
Will Kalpana take over the post of Chief Minister of Jharkhand?
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक विधायक ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि हेमंत सोरेन जल्द ही झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी कल्पना सत्ता संभालेंगी. सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन को इस बात का डर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जो मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहा है, उन्हें गिरफ्तार कर सकता है. दावा किया गया है कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपनी पत्नी को कमान सौंपने की योजना बनाई है.
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया, इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ. हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे. झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी. नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक."
निशिकांत दुबे ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "झारखंड के राज्यपाल को क़ानूनी सलाह लेनी चाहिए. झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ. सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ. एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता. ये पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है. सीता सोरेन और बसंत सोरेन विधायक हैं, चम्पई जी, मथुरा जी, साइमन व लोबिन, नलिन जी के खून-पसीने की पार्टी का इतना बुरा हाल? वैसे गांडेय सीट NDA हर हाल में जीतेगी."
ये ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए नया समन जारी करने के बाद आया है. ये सातवीं बार है जब केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम मामले में झामुमो नेता को तलब किया है.
ईडी ने अपने ताजा समन में कहा, "चूंकि आप जारी किए गए समन का पालन नहीं करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नहीं आए हैं, इसलिए हम आपको धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत अपना बयान दर्ज करने का ये आखिरी मौका दे रहे हैं. ये इस नोटिस/समन की प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर होनी चाहिए.''
सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं. उन्होंने केंद्र पर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
ईडी की जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट से संबंधित है. मामले में चौदह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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