आरजी कर : जूनियर डॉक्टरों ने सीबीआई की भूमिका पर जताई नाराज़गी, कहा - पीछे नहीं हटेंगे
कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई है। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर गहरी नाराजगी जताई है। सीबीआई द्वारा 90 दिनों की तय अवधि में आरोप पत्र दाखिल न करने के कारण सियालदाह कोर्ट ने दोनों आरोपितों को जमानत दी। यह मामला अगस्त नौ को अस्पताल परिसर में महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद सामने आया था। जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अनिकेत महतो ने कहा कि हम सीबीआई की जांच की धीमी गति से बेहद निराश हैं। सिस्टम ने हमें विफल कर दिया है। आरोपित इसलिए छूट गए क्योंकि जांच में देरी हुई। यह न्याय के लिए लड़ने वाले सभी लोगों के चेहरे पर एक तमाचा है।
डॉक्टरों ने पहले 50 दिनों तक कार्य का बहिष्कार किया था, जिससे राज्य का स्वास्थ्य सेवा तंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसके बाद पांच अक्टूबर से दुर्गा पूजा के दौरान उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद 24 अक्टूबर को यह हड़ताल समाप्त हुई थी। महतो ने कहा कि हम पीछे नहीं हटने वाले। सीबीआई की निष्क्रियता ने हमारी नाराजगी को और बढ़ा दिया है। हम जल्द ही अपनी अगली रणनीति तय करेंगे और न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। उल्लेखनीय है कि पुलिस की जांच में लापरवाही के आरोपों के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लिया था। लेकिन अब तक जांच में कोई ठोस प्रगति न होने से पीड़ित के साथी डॉक्टरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
टिप्पणियां